Green field link expressway: बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के लिए निर्देश दिए गए हैं कि जिन तहसीलों से लिंक रोड निकल रहा है, लिंक एक्सप्रेसवे की जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी गई है. उनसे संबंधित गांव में जमीन की खरीद फरोख्त पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गई है. लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
ऐसे में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए अधिसूचित जमीन की बढ़ती खरीद-फरोख्त को देखते हुए अब बैनामों पर रोक लगा दी है.
यदि लिंक एक्सप्रेसवे की जमीन की खरीद फरोख्त होती पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी.
लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कुल 56 गांवों की भूमि पर होगा, जिनमें गौतमबुद्ध नगर के 8 गांव और बुलंदशहर के 48 गांव हैं. इनमें 14 गांव खुर्जा तहसील के हैं, बाकी बुलंदशहर, सियाना और शिकारपुर तहसील के रहेंगे.
यह 120 मीटर चौड़ा लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे पर 44.3 किलोमीटर यानी बुलंदशहर के सियाना क्षेत्र से शुरू होगा और यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर यानी सेक्टर-21 फिल्म सिटी के पास आकर जुड़ेगा.
लिंक एक्सप्रेसवे अब यमुना सिटी के किसी भी सेक्टर को काटकर नहीं जाएगा. पहले यह सेक्टरों के बीच से गुजर रहा था. पहले इसकी लंबाई 83 किलोमीटर थी, इसका दोबारा से अलाइंमेंट तैयार हुआ था, जिससे सेक्टरों को बचाया गया है और इस एक्सप्रेसवे को सेक्टर-21 में जोड़ने की योजना है.बता दें कि यह परियोजना करीब 4000 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जाएगी.
मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे के यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर आगरा से ग्रेटर नोएडा तक की राह आसान हो जाएगी.
इसके साथ ही, देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को इस एक्सप्रेसवे से मेरठ से प्रयागराज तक सीधे जा सकेंगे.नोएडा एयरपोर्ट से जुड़ जाने के बाद गंगा एक्सप्रेसवे की उपयोगिता और बढ़ जाएगी।.
इसके अलावा लिंक एक्सप्रेसवे का यमुना सिटी के औद्योगिक सेक्टर-28, 29, 32, 33 से भी सीधा जुड़ाव होगा, जिससे कार्गो के वाहनों को एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
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