नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए 14 गांवों की कुल 1857.7706 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी. जिला प्रशासन इससे प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा देगा.
जानकारी के मुताबिक, नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में तीन अतिरिक्त रनवे बनाए जाने की योजना है.
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पूरे विस्तार में कुल 6 रनवे बनाए जाएंगे. इससे यह एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा.
अब तक पहले और दूसरे चरण के लिए 2699 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है. एक रनवे के साथ निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है. अक्टूबर 2025 तक एयरपोर्ट शुरू होने की उम्मीद है.
इस विस्तार परियोजना से कुल 17945 परिवार प्रभावित होंगे. यानी करीब 27357 लोगों को विस्थापित किया जाएगा.
इन्हें जेवर तहसील के 7 गांवों, बनवारीवास, किशोरपुर, रामनेर, नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर, थोरा और जेवर बंगार में पुनर्वासित किया जाएगा.
नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर और थोरा गांवों के कई किसानों ने भूमि सर्वे का विरोध किया, जिसके कारण इन गांवों के कुछ हिस्सों को फिलहाल पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है.
इस विस्तार के कारण 7 सरकारी स्कूलों को भी स्थानांतरित किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर न्यूनतम असर हो, इसके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और हिंडन एयरबेस के बाद तीसरा बड़ा हवाई केंद्र बनेगा.
इसके अलावा, यह एयरपोर्ट ताजमहल, मथुरा, वृंदावन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के निकट होने के कारण पर्यटन को भी बढ़ावा देगा.