उत्तर प्रदेश में पूरे देश में सबसे ज्यादा हाईवे और एक्सप्रेस वे का निर्माण हो रहा है. इस कड़ी में बलरामपुर के चंदनपुर से प्रयागराज तक हाईवे का प्रस्ताव रखा गया है.
उत्तर प्रदेश में उद्योग-धंधों, यातायात और रोजगार के साधनों के विकास के लिए पूरे देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे बनाए जा रहे हैं. प्रदेश में नेशनल हाईवे की लंबाई 2014 में 7,986 किमी से बढ़कर 12,123 किमी हो गई है. यानि दस साल में करीब दोगुनी हो गई है.
उत्तर प्रदेश सहित राज्य सरकारें केंद्रीय सरकार से राज्य सड़कों को नेशनल हाईवे में बदलने का अनुरोध करती हैं. ये अनुरोध कनेक्टिविटी, प्राथमिकता और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत समीक्षा के बाद स्वीकृत किए जाते हैं.
बलरामपुर जिले के चंदनपुर (पचपेडवा) से प्रयागराज तक एक नई राष्ट्रीय राजमार्ग की योजना बनाई गई है. चंदनपुर से प्रयागराज की दूरी 302 किलोमीटर है. इस हाईवे के बन जाने से इस दूरी को तय करने का समय कम हो जाएगा.
प्रस्तावित 320 किलोमीटर लंबा विंध्य एक्सप्रेसवे प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ेगा, यह हाईवे इमिलिया कोडर, पचपेडवा, जुदिकुइया चौराहा, गणेशपुर बाजार, उतरौला, मनकापुर, नवाबगंज और अयोध्या से होकर गुजरेगा.
इस खंड को पहले ही NH-730 का हिस्सा घोषित किया जा चुका है. इसे 31 मार्च 2021 को दो-लेन सड़क के रूप में अपग्रेड किया गया था और अब इसका चौड़ीकरण किया जाने की मांग फिर उठ रही है.
यह सड़क उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आने वाला स्टेट हाईवे (SH-9) का हिस्सा है. फिलहाल इसे नेशनल हाईवे में बदलने का प्रस्ताव किया जा रहा है.
यह सड़क पहले ही NH-330 घोषित की जा चुकी है. इसमें 51 किमी का हिस्सा चार-लेन राजमार्ग में विकसित किया गया है, जबकि बाकी 107 किमी दो-लेन सड़क है. अब मांग हो रही है कि बाकी के 107 किमी की सड़क का भी चौड़करण कर किया जाए.
पूरी सड़क को नेशनल हाईवे घोषित करने के लिए सरकार द्वारा अनुरोधों की समीक्षा की जाती है. इस प्रक्रिया में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास के महत्व को ध्यान में रखा जाता है.
अगर चंदनपुर से प्रयागराज के बीच हाईवे को स्वीकृति मिल जाती है तो बलरामपुर, अयोध्या और प्रयागराज के विकास को नए पंख लग जाएंगे. हाईवे के दर्जनों गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा और किसानों को मोटा मुआवजा मिलेगा.
चंदनपुर से प्रयागराज के बीच हाईवे के निर्माण से यात्रा का समय तो कम होगा ही, साथ ही हाईवे से लगने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. फैक्ट्री और उद्योग धंधे लग सकते हैं जिससे स्थानीय लोगों रोजगार मिलेगा.
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