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अवसानेश्वर महादेव मंदिर का कैसे पड़ा नाम? क्रूर मुगल शासक औरंगजेब ने भी टेक दिए थे घुटने, 450 साल पुराना इतिहास

बाराबंकी के हैदरगढ़ में गोमती नदी के किनारे स्‍थापित अवसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट के चलते मची भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई. अवसानेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास वर्षों पुराना है. महाभारत काल के पांडवों ने भी यहां स्‍थापित शिवलिंग की पूजा की थी.

अवसानेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास

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अवसानेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास

अवसानेश्वर महादेव का यह मंदिर हैदरगढ़ मुख्‍यालय से करीब 6 किलोमीटर दूर गोमती नदी के किनारे बना है. मान्‍यता है कि औसान नाम के एक मल्‍लाह ने यहां शिवलिंग की स्‍थापना की थी. 

मंदिर का निर्माण?

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मंदिर का निर्माण?

बाद में रोनी रियासत के राजा ने यहीं पर भव्‍य अवसानेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया. कहा जाता है कि राजा शिकार खेलते हुए जंगल में चले गए थे. 

कैसे पड़ा मंदिर का नाम?

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कैसे पड़ा मंदिर का नाम?

शाम होते ही यहां रौशनी फैल गई. शाम के समय को अवसान भी कहा जाता है. इसलिए इस मंदिर का नाम अवसानेश्वर महादेव पड़ गया. इतिहासकारों के अनुसार मंदिर का भवन करीब 450 साल पुराना है. 

कितने एकड़ में बना है मंदिर?

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कितने एकड़ में बना है मंदिर?

ढाई एकड़ में फैला यह शिव मंदिर 14 पीढ़ी तक नियंग साधुओं की गद्दी रही. इनका जूनागढ़ अखाड़ा से संबंध था. बाद में गहृस्‍थ आश्रम के गिरि परिवार इस मंदिर की देखभाल करने लगे. 

औरंगजेब ने मंदिर नष्‍ट करना चाहा था

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औरंगजेब ने मंदिर नष्‍ट करना चाहा था

कहा जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब ने अवसानेश्वर महादेव मंदिर को नष्‍ट करने का आदेश दिया था. औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ने के लिए अपने सैनिक भेजे. 

सांप और बिच्‍छू ने बोल दिया था हमला

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सांप और बिच्‍छू ने बोल दिया था हमला

जैसे ही औरंगजेब के सैनिक यहां पहुंचे और आरे से शिवलिंग को नष्‍ट करने की कोशिश की, लेकिन तभी शिवलिंग से खून बहने लगा. कुछ ही देर में मंदिर में सांप, बिच्‍छू, भरैया आदि जीव जन्‍तु ने सैनिकों पर हमला बोल दिया. 

घाव भर गया, लेकिन निशान आज भी

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घाव भर गया, लेकिन निशान आज भी

कहा जाता है कि उस समय शिवलिंग पर घाव हो गया था, इसे ठीक करने के लिए पुजारियों ने कई सालों तक घी को रूई का फीहा बनाकर घाव पर लगाया गया. इससे घाव तो भर गया लेकिन निशान आज भी है. 

दशनामी संप्रदाय से संबंध

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दशनामी संप्रदाय से संबंध

बता दें कि वर्तमान में महंत गोमती गिरि और उनके शिष्‍य अवसानेश्वर महादेव मंदिर की देखभाल करते हैं. गिरि परिवार का संबंध दशनामी संप्रदाय से है. जिसका निर्माण जगदगुरु आदि शंकराचार्य ने किया था. 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.     

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