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नवरात्रि के पावन दिनों में कीजिए यूपी के इन नौ बड़े शक्तिपीठ के दर्शन, माता के दर्शन का पाएं अद्भुत अनुभव

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के पावन नौ दिन शुरू हो गए हैं. उत्तर प्रदेश में कई शक्तिपीठ हैं जो हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं.  नवरात्रि में आप इन शक्तिपीठ के दर्शन कर मां का आशीर्वाद ले सकते है. आइए इन शक्तिपीठों के बारे में जानते हैं. 

 

चैत्र नवरात्रि 2025

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चैत्र नवरात्रि 2025

देवी माता की आराधना के 9 दिन यानी आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है.  हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व होता है. इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना करने का विधान है. आज हम आपको उत्तर प्रदेश के खास 9 देवी शक्तिपीठों के बारे में बता रहे हैं.

 

बलरामपुर,देवी पाटन मंदिर

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बलरामपुर,देवी पाटन मंदिर

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में देवी पाटन मंदिर स्थित है. यहां विराजमान देवी को मां मातेश्वरी के नाम से जाना जाता है. यह 52 शक्तिपीठों में से एक है, जहां माता का बांया हाथ और पट गिरा था. यहां पर प्रदेश का सबसे बड़ा मेला लगता है. यूपी रोडवेज की तरफ से मेले में जाने के लिए 45 बसों को अलग से लगाया गया है. जो प्रदेश के अलग-अलग जिलों से श्रद्धालुओं को देवी पाटन तक पहुंचाएंगी.

 

वाराणसी,विंध्यवासिनी शक्तिपीठ

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वाराणसी,विंध्यवासिनी शक्तिपीठ

यह मिर्ज़ापुर जिले में स्थित है और देवी विंध्यवासिनी को समर्पित है.यूपी के मिर्जापुर के विन्ध्याचल में गंगा नदी के किनारे मां विन्ध्यवासिनी देवी का अति प्राचीन मंदिर है. यहां देवी को महामाया देवी के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि यहां का अस्तित्व सृष्टि के आरंभ से है और प्रलय के बाद तक रहेगा.

 

वाराणसी,शैलपुत्री मंदिर

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वाराणसी,शैलपुत्री मंदिर

भगवान शिव की नगरी काशी यानी बनारस में माता शैलपुत्री की प्राचीन मंदिर है. ऐसी मान्‍यता है कि माता शैलपुत्री नवरात्र के पहले दिन खुद भक्‍तों को दर्शन देती हैं.मान्‍यता है कि माता शैलपुत्री ने वाराणसी में करुणा नदी के किनारे तप किया था.

 

वाराणसी,मां विशालाक्षी मंदिर

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वाराणसी,मां विशालाक्षी मंदिर

काशी में स्थित मणिकर्णिका घाट पर माता का एक मंदिर है, जिसे माता के शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है. यहां पर माता के कान की मणि से जड़ित कुंडल गिरा था. यही कारण है कि इस घाट को मणिकर्णिका घाट कहा जाता है. यहां पर माता सती को विशालाक्षी मणिकर्णी के रूप में पूजा जाता है. यह मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के पास में ही स्थित है.

 

बनारस,मां कालरात्रि देवी मंदिर

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बनारस,मां कालरात्रि देवी मंदिर

शिव की नगरी काशी में माता कालरात्रि का मंदिर चौक क्षेत्र की कालिका गली में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि माता कालरात्रि के स्वरूप का दर्शन-पूजन पूजन करने से अकाल मृत्यु का भय जाता रहता है. काशी का यह इकलौता मंदिर है जहां भगवान शंकर से रुष्ट होकर माता पार्वती आईं और सैकड़ों साल तक कठोर तपस्या की.

 

सहारनपुर,शाकम्भरी देवी

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 सहारनपुर,शाकम्भरी देवी

यह सहारनपुर जिले में स्थित है और देवी शाकम्भरी को समर्पित है.  ब्रह्मपुराण में इस पीठ को सिद्धपीठ कहा गया है. यह क्षेत्र भगवती शताक्षी का सिद्ध स्थान माना गया है. इस परम दुर्लभ तीर्थ क्षेत्र को पंचकोसी सिद्धपीठ भी कहा जाता है. भगवती सती का शीश इसी क्षेत्र में गिरा था.  यह एक शक्तिपीठ है.

 

सीतापुर,ललिता देवी

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सीतापुर,ललिता देवी

ललिता देवी का मंदिर सीतापुर जिले के मिश्रिख में स्थित है. यह मंदिर भी 52 शक्तिपीठों में से एक है.  माना जाता है कि यहां माता सती का हृदय गिरा था. देवीभागवत पुराण के अनुसार जब राजा जन्मेजय ने व्यास जी से देवी के जाग्रत स्थानों के बारे में पूछा तो उन्होंने जिन 108 शक्तिपीठों का वर्णन किया था, उनमें नैमिष तीर्थ स्थित मां ललिता देवी का दरबार भी है. देवी भागवत में इस शक्ति को लिंगधारिणी कहा गया है.

 

गोरखपुर,मां तरकुलहा देवी मंदिर

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 गोरखपुर,मां तरकुलहा देवी मंदिर

तरकुलहा देवी का मंदिर यूपी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह गोरखपुर जिले में है. इस मंदिर को काफी चमत्कारी माना जाता है.नवरात्रि के दिनों में माता के मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलती हैं.

 

कानपुर,कुष्मांडा माता मंदिर

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 कानपुर,कुष्मांडा माता मंदिर

कानपुर में स्थिति मां कुष्मांडा देवी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है. इसे कुड़हा देवी का मंदिर भी कहा जाता है. यहां पर मां लेटे हुए मुद्रा में हैं. हर साल नवरात्र के दिनों में यहां पर काफी बड़ा मेला लगता. जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं.

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

 

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