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Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर करें यूपी के इन पांच बड़े मंदिरों के दर्शन, बजरंगबली दूर करेंगे हर कष्ट

Famous Hanuman Temple in Uttar Pradesh: यूपी  में हनुमान जी की इन सभी तरह की लीलाओं को दिखाते हुए कई मंदिर हैं. आज हम बात करते हैं यूपी के उन सभी प्रमुख मंदिरों के बारे में जहां की बहुत मान्यता है. हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर आप इन मंदिरों का दर्शन कर सकते हैं.

भगवान हनुमान

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भगवान हनुमान

भारतीय शास्त्रों और पुराणों में भगवान हनुमान की बहुत बड़ी भूमिका रही है. जहां पवनपुत्र हनुमान ने प्रभु श्रीराम को रावण के खिलाफ युद्ध जीतने में अहम योगदान दिया था. तो वहीं महाभारत में भी अर्जुन के रथ ध्वज पर आसीन होकर हनुमान ने धर्म का साथ दिया था.भगवान हनुमान की ऐसा ही कहानियों और लीलाओं का वर्णन करते हुए यूपी में अनेकों मंदिर हैं. 

 

हनुमान जन्मोत्सव 2025

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हनुमान जन्मोत्सव 2025

हनुमान जन्मोत्सव को हनुमान जयंती के नाम से भी जानते हैं. इस साल हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल शनिवार को है. इस दिन लोग व्रत रखकर हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं.  पौराणिक मान्यता के अनुसार, प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी ने वैशाख पूर्णिमा के दिन मनु्ष्य रूप में अवतार लिया था. कहा जाता है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं. हनुमान जी को पवनपुत्र के साथ-साथ वानरराज केसरी का पुत्र भी कहा जाता है.

 

इन मंदिरों में करें दर्शन

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इन मंदिरों में करें दर्शन

हनुमान भक्त इस ​अवसर पर अपने घर में बजरंगबली की मूर्ति या तस्वीर लगाते हैं. ऐसी मान्यता  है कि मंगलवार के दिन हनुमानजी के इन मंदिरों  का दर्शन करना शुभ फलदायी होता है. आज हम आपको यूपी के उन मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां दर्शन करने से मनोकामना पूरी हो सकती है.

 

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

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हनुमानगढ़ी, अयोध्या

हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार अयोध्या भगवान श्रीराम का जन्मस्थान है. यहां का  हनुमानगढ़ी मंदिर प्रसिद्ध है.  मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों को 60 सीढियां चढनी पढ़ती हैं. इसके बाद ही भक्त श्री हनुमान जी के दर्शन कर पाते हैं.  मंदिर के चारों ओर निवास साधु-संत रहते हैं.  हनुमानगढ़ी के दक्षिण में सुग्रीव टीला व अंगद टीला नामक जगह हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 300 साल पहले स्वामी अभयारामदासजी ने की थी.

 

हनुमान धारा, चित्रकूट

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हनुमान धारा, चित्रकूट

यूपी में सीतापुर के पास यह हनुमान मंदिर बना हुआ है.यह मंदिर पर्वतमाला के बीचों बीच में है.  सीतापुर से हनुमान धारा मंदिर सिर्फ तीन मील की दूरी पर है. यहां की खास बात यह है कि पहाड़ के सहारे मंदिर में हनुमानजी की एक विशालकाय मूर्ति के सिर के ऊपर जल के दो कुंड हैं. ये दोनों कुंड हमेशा जल से भरे रहते हैं और इन कुंड़ों में से लगातार पानी बहता रहता है.बहती हुई धारा का जल हनुमान जी को छूकर बहता है. इसी वजह से ही मंदिर को हनुमान धारा कहते हैं. 

 

श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी

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श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी

विश्व की धार्मिक राजधानी में स्थित यह मंदिर अपने आप में एक अनोखा और निराला है. मंदिर में श्री हनुमान जी की एक दिव्य प्रतिमा स्थापित है. इस जगह को श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है. श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर के पास में ही भगवान श्री नरसिंह का मंदिर भी है. इस मंदिर के चारों तरफ एक छोटा सा वन है. लोगों की ऐसी मान्यता है कि मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य के कारण प्रकट हुई एक स्वयंभू प्रतिमा है. 

 

हनुमान मंदिर, प्रयागराज

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 हनुमान मंदिर, प्रयागराज

इलाहाबाद किले से एकदम सटा हुआ यह मंदिर भारत का सबसे निराला और अद्भुत मंदिर है. यह मंदिर दिखने में काफी छोटा मंदिर है परंतु इसका महत्व काफी प्राचीन समय से है. यह मंदिर बाकी सभी मंदिरों से इसलिए अलग है क्योंकि इस मंदिर में हनुमान जी की लेटे हुए की प्रतिमा है. यह पूरे भारत में केवल एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसके अंदर हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं. मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा लगभग 20 फीट लंबी है.  यहां पर अंजनी पुत्र हनुमान को चिट्ठी वाले बाबा और ‘ग्रेजुएट हनुमान’ भी कहा जाता है. 

 

दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर ,बरेली

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दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर ,बरेली

बरेली के इस दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर की मान्यता है कि यहां एक महीने या चार हफ्ते लगातार दर्शन करने से सभी मान्यताएं पूरी हो जाती हैं. भारी संख्या में भक्त दक्षिण मुखी सफेद हनुमान जी बालाजी महाराज के दर्शन करने मंगलवार और शनिवार को आते हैं. यहां दूर-दूर से लोग प्रभु के दर्शन करने आते हैं और मनोकामना पूरी होने पर चोला चढ़ाते हैं. बड़े बाग हनुमान मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो भी महीने में चार बार बालाजी महाराज के दर्शन करता है, उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है.

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

 

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