Chandauli Mahrajganj Greefield Expressway: चंदौली से महराजगंज तक 45 किमी लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का रास्ता साफ हो गया है. इसके निर्माण सेअब गाजीपुर से चंदौली जाने का 90 किलोमीटर का सफर अब आधे समय में ही तय हो जाएगा. जानकारी के मुताबिक इसके निर्माण के लिए 20 से ज्यादा गांवों को सर्किल रेट से 4 गुना मुआवजा दिया जाएगा.
फिलहाल गाजीपुर से चंदौली जाने के लिए लोगों को जमानिया, सैय्यदराजा या सैदपुर होकर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है, जिसमें न केवल समय ज्यादा लगता है, बल्कि जाम की समस्या भी आम है. नए ग्रीनफील्ड मार्ग के बनने से यह दूरी करीब आधी रह जाएगी, और लोग सीधा महराजगंज से वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पकड़ सकेंगे.
परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, भूमि अधिग्रहण से पहले थ्री-डी डिज़ाइन का काम तेज़ी से चल रहा है. वहीं गजट प्रकाशन की प्रक्रिया भी इसी महीने पूरी होने की संभावना है.इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से शुरू होगी.
यह हाईवे शेखनपुर, जमालपुर, लालनपुर, अमादपुर, परमेठ, मैनपुर, लखचंदपुर कला, रामनाथपुर, गोशंदेपुर, बिरासो, सकरा, कपूरपट्टी, दीनापुर जैसे गांवों से होकर गुजरेगा. इन इलाकों में सर्विस रोड भी तैयार किए जाएंगे, ताकि आसपास के ग्रामीण क्षेत्र सीधे एक्सप्रेसवे से जुड़ सकें.
इस एक्सप्रेसवे से प्रभावित होने वाले गांवों के किसानों में उत्साह की लहर है. भूमि अधिग्रहण के दौरान सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा मिलने की उम्मीद ने किसानों की उम्मीदों को पंख दे दिए हैं.परियोजना के कारण कई परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है.
यह ग्रीनफील्ड परियोजना सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि पूर्वांचल के विकास की रीढ़ साबित हो सकती है. इससे मऊ, गोरखपुर, अलीनगर, गाजीपुर और बिहार के सीमावर्ती इलाकों को बेहतर और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी. स्थानीय व्यापार, कृषि और रोजगार के नए द्वार खुलने की पूरी संभावना है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.