सोनभद्र, उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के पर्यटकों की भी पहली पसंद बनता जा रहा है. यहां की हरियाली, पहाड़, झरने और आदिवासी संस्कृति मानसून में किसी स्वर्ग से कम नहीं लगते. रॉबर्ट्सगंज से लेकर रिहंद जलाशय तक, हर जगह प्रकृति का अनोखा जादू है. बारिश के मौसम में यहां घूमना विदेश यात्रा से कहीं अधिक सुकून और आनंद देता है. आइए जानते हैं इस जगहों के बारे में....
पांचवीं शताब्दी में निर्मित यह किला ऐतिहासिक महत्व रखता है. यहां से सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक होता है और आसपास पुरानी गुफाएं भी मिलती हैं.
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर बना यह विशाल बांध जलक्रीड़ा और सुंदर नजारों के लिए प्रसिद्ध है. यह ऊर्जा उत्पादन का भी बड़ा स्रोत है.
यह अभयारण्य प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से भरपूर है, जहां बाघ, हिरण और कई दुर्लभ पक्षियों को प्राकृतिक परिवेश में देखा जा सकता है.
मारकुंडी घाटी की ऊंचाई पर स्थित यह जगह प्राकृतिक गूंज (इको) के लिए जानी जाती है और यहां से घाटी का दृश्य बहुत मनमोहक लगता है.
यह पार्क 150 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध है, जो पृथ्वी के प्राचीन इतिहास और भूविज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए खास है.
कनहर नदी के तट पर स्थित यह जगह रेत और पानी के संयोजन के कारण "मिनी गोवा" के नाम से मशहूर है और युवा पर्यटकों को खूब भाती है.
यह प्राचीन शिव मंदिर घने जंगलों के बीच स्थित है. शिवरात्रि के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा के लिए आते हैं.
सोन नदी के किनारे स्थित यह किला रहस्यमयी इतिहास और तंत्र साधना से जुड़ा माना जाता है, जो पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करता है.
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