यूपी के ज्यादातर सभी जिले किसी न किसी चीज के लिए मशहूर हैं. बुलंदशहर का खुर्जा भी अपनी खास मिठाई खुरचन के लिए जाना जाता है.
बुलंदशहर के खुर्जा में खुरचन का कारोबार 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जाता है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी इसका भोग लगाया गया था.
खुर्जा की खुरचन इतनी मशहूर है कि देश- विदेश में रहने वाले यहां के रिश्तेदार भी यहां से खुरचन ले जाना नहीं भूलते हैं
खुर्जा की खुरचन एक खास तरह की मिठाई जो प्योर दूध की मलाई से तैयार की जाती है. आइये आपको बताते हैं कि ये मिठाई कैसे बनती है.
खुरचन बनाने वाले कारीगर बताते हैं कि बड़ी सी कढ़ाई में दूध को धीमी आग पर गर्म किया जाता है.
दूध को धीमी आग पर तब तक गर्म किया जाता है तब तक वह मलाई में नहीं बदल जाता है. और यह सिलसिला खुर्चन बनने तक तैयार रहता है.
खुरचन की परतों पर बूरा लगाया जाता है और फिर उस पर खुरचन बिछाई जाती है. इस तरह कई लेयर में ये मिठाई बनती है.
जानकारी के मुताबिक खुर्जा में खुरचन का कारोबार ऐसा है कि हर रोज 5 से 6 हजार किलो ये मिठाई यूपी के कई जिलों के अलावा दिल्ली -हरियाणा तक सप्लाई होती है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.