गांधी-नेहरू से लेकर बिग बी तक दीवाने, संगमनगरी की फेमस कचौड़ी का स्‍वाद चखा क्‍या?

Zee Media Bureau
Aug 07, 2025

नेतराम चौराहा

जी हां हम बात कर रहे हैं नेतराम कचौड़ी की. इस दुकान की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां मौजूद चौराहे का नाम नेतराम कर दिया गया.

सुबह से ही भीड़

नेतराम कचौड़ी वाले के यहां सुबह 7 बजे से ही भीड़ लगने लगती है, जो शाम तक आती-जाती रहती है. लोग खाते भी हैं पैक करा कर घर भी ले जाते हैं.

दही जलेबी

नेतराम की कचौड़ी सब्जी, दही जलेबी, समोसे, पकौड़े के जायके के लिए लोग एकत्रित होते हैं. अगर कोई संगमनगरी आए तो यहां कचौड़ी खाने जरूर आता है.

देसी अंदाज

खास बात यह है कि यहां कचौड़ी देसी अंदाज में पत्‍तल में परोसी जाती है. वह भी देसी घी की बनी होती है. कचाड़ी के साथ गुलाब जामुन का भी स्‍वाद चखते हैं.

एक थाली में क्‍या-क्‍या?

एक थाली में तीन तरह की सब्जियां, रायता, चटनी और देसी घी की कचौड़ियां परोसी जाती हैं. सब्‍जी का भी अलग ही टेस्‍ट होता है.

165 साल पुरानी दुकान

नेतराम मिठाई की दुकान करीब 165 साल पुरानी है. 1855 में एक छोटे से कमरे में यह दुकान शुरू हुई थी. नेतराम मूलचंद की यह पांचवीं पीढ़ी हैं.

दूसरे शहरों से आते हैं लोग

नेतराम-मूलचंद की मिठाई तो शहर में एक ब्रांड है. यहां दूसरे शहरों से आने वाले लोग भी पूड़ी सब्जी और दही-जलेबी का आनंद लेते हैं.

डिस्क्लेमर

यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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