ECI ने राहुल गांधी के 'मतदाता सूची से छेड़छाड़' के आरोपों को किया खारिज, तथ्यों के साथ दी प्रतिक्रिया
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ECI ने राहुल गांधी के 'मतदाता सूची से छेड़छाड़' के आरोपों को किया खारिज, तथ्यों के साथ दी प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग (ECI) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए तथ्यों के आधार पर एक विस्तृत प्रतिक्रिया जारी की है.

ECI ने राहुल गांधी के 'मतदाता सूची से छेड़छाड़' के आरोपों को किया खारिज, तथ्यों के साथ दी प्रतिक्रिया

Election Commission: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों को बेबुनियाद बताया. आयोग ने कहा कि मतदान पारदर्शी रहा, कांग्रेस ने समय पर कोई आपत्ति नहीं की और राहुल के दावे तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.

चुनाव आयोग (ECI) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए तथ्यों के आधार पर एक विस्तृत प्रतिक्रिया जारी की है.

आयोग ने स्पष्ट किया कि 7 बजे सुबह से 6 बजे शाम तक कुल 6.4 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. औसतन प्रति घंटे 58 लाख वोट डाले गए। इस औसत के अनुसार, अंतिम दो घंटों में करीब 1.16 करोड़ वोट डलने की संभावना थी, जबकि केवल 65 लाख वोट ही पड़े, जो सामान्य से कहीं कम है.

चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि हर मतदान केंद्र पर अधिकृत पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में मतदान प्रक्रिया हुई. कांग्रेस के उम्मीदवारों या उनके एजेंट्स द्वारा किसी भी अनियमितता की कोई ठोस शिकायत नहीं की गई.

आयोग ने याद दिलाया कि मतदाता सूची कानून के अनुसार हर साल या चुनाव से पहले संशोधित की जाती है, और अंतिम सूची सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाती है. महाराष्ट्र चुनावों के दौरान 9.77 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से केवल 89 अपीलें जिलाधिकारियों के पास और 1 अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास की गई, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस समेत किसी दल ने पहले कोई आपत्ति नहीं उठाई थी.

राज्य में 1 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर कांग्रेस द्वारा 27,099 बूथ लेवल एजेंट्स नियुक्त किए गए थे, जो यह दर्शाता है कि हर स्तर पर निगरानी मौजूद थी. आयोग ने आरोपों को कानून व्यवस्था और चुनाव प्रणाली के प्रति अपमानजनक बताया.

आयोग ने यह भी बताया कि 24 दिसंबर 2024 को ही इन तथ्यों के साथ कांग्रेस को जवाब भेज दिया गया था, जो ECI की वेबसाइट पर उपलब्ध है. ऐसे में बार-बार उन्हीं मुद्दों को उठाना निराधार है.

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