हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में आपदा प्रबंधन और पुनर्वास तंत्र को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मंत्रिमंडल की बैठक के दूसरे दिन, सरकार ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास संबंधी मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है.
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Himachal Cabinet Meeting(संदीप सिंह):हिमाचल प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल की दूसरे दिन की बैठक में एक अहम फ़ैसला लिया गया है, जी हां मंत्रिमंडल ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास संबंधी मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी प्रदान की. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में उप-समिति का गठन राज्य की आपदा तैयारी और पुनर्वास तंत्र को सुदृढ़ बनाने के उपायों की जांच और सुझाव देने के लिए किया गया था.
उप-समिति ने राज्य भर में भवनों के संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट करवाने की सिफारिश की है ताकि उनकी आपदा सहनशीलता का आकलन किया जा सके. ऑडिट के आधार पर, आपदाओं के दृष्टिगत संरचनात्मक क्षति के जोखिम को कम करने के लिए रेट्रोफिटिंग उपाय किए जाएंगे. आपदा-प्रतिरोधी बुनियादी अधोसंरचना के महत्व पर बल देते हुए, समिति ने प्रदेश में भूकंप-रोधी निर्माण कार्यों को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है.
आपदा प्रतिक्रिया की दक्षता बढ़ाने के लिए, उप-समिति ने होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन सेवाओं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) के आपदा प्रबंधन सेल के साथ एकीकृत करने का भी सुझाव दिया है, जिसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है.
पिछले कुछ वर्षों में मौनसून के दौरान प्रदेश में ज़बरदस्त तबाही हो रही है ऐसे में आपदा से हो रहे नुक़सान को कम करने के लिए ठोस नीति पर कार्य करने की ज़रूरत है.