केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम कानूनों के खिलाफ बुधवार को हमीरपुर के गांधी चौक में जोरदार प्रदर्शन हुआ. यह प्रदर्शन सीटू (CITU) के बैनर तले आयोजित किया गया, जिसमें किसान, मजदूर और निजी क्षेत्र के कर्मचारी भारी संख्या में शामिल हुए.
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Hamirpur News(अरविंदर सिंह): केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए चार श्रम कानून का जमकर विरोध बुधवार के दिन गांधी चौक हमीरपुर पर हुआ. सीटू के बैनर तले यह प्रदर्शन आयोजित किया गया जिसमें काफी संख्या में लोग मौजूद रहे. इस दौरान कहा गया कि जो श्रम कानून बनाए गए हैं वह कामगारों के हितों में नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार को इन श्रम कानून को वापस लेना चाहिए.
जब तक केंद्र सरकार इन्हें वापस नहीं लगी तब तक विरोध जारी रहेगा. किसान, मजदूर व निजी सेक्टर के कर्मचारी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. तहसील कार्यालय से ट्रेड यूनियनो ने मिलकर रैली निकाली. इस दौरान केंद्र सरकार के प्रति नारेबाजी की गई.
सीटू के बैनर तले जिला भर के हजारों मजदूरों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की अखिल भारतीय हड़ताल के आह्वान पर हमीरपुर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया.
सीटू के जिला सचिव जोगिंदर कुमार ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए मजदूरों द्वारा लंबे संघर्षों और कुर्बानियों के बाद हासिल किए श्रम कानूनों को खत्म करके नयी चार श्रम संहिताओं को लागू करने जा रही है. इन संहिताओं में देश के मजदूरों को गुलाम बनाने के प्रावधान किए गए हैं. दिन में काम करने की समय सीमा आठ घंटे से बढ़ाकर बारह घंटे करने का प्रावधान है. श्रम संहिताओं से देश के सत्तर प्रतिशत मजदूर इन कानूनी सुरक्षा से बाहर हो जाएंगे. मजदूरों के यूनियन बनाने अपनी आवाज़ को उठाने के अधिकार को समाप्त किया जा रहा है और दंडात्मक किया जा रहा है.
सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर के कहा कि यदि मोदी सरकार ने श्रम कानून वाइस नहीं लिए तो विरोध लगातार जारी रहेगा. मजदूरों को हड़ताल करने पर पाबंदी के साथ साथ सजाओं और जेल में बंद करने का प्रावधान किया गया है. मोदी सरकार ये सब इसलिए भी कर रही है ताकि देश के प्राकृतिक संसाधनों और बाकी सभी संसाधनों को इन कॉर्पोरेट घरानों को लूटने दिया जाए और कोई इस लूट के खिलाफ आवाज़ ना उठा सके.
मोदी सरकार ने जनता के पैसे और खून पसीने की कमाई से अर्जित संपत्तियों को भी इन कॉर्पोरेट के हवाले करने का रोडमैप बना दिया है और इस लिए बंदरगाहों, राष्ट्रीय मार्गों, बैंक, बीमा,शिक्षा, स्वास्थ्य,परिवहन, शिक्षा, बिजली, पानी हर चीज को नीलाम किया जा रहा है.
रोजगार के नाम पर अंशकालिक भर्तियां की जा रही हैं. यहां तक कि सुरक्षा बलों में भी ऐसा ही किया जा रहा है जिसमें रोजगार और अन्य सुरक्षा ना के बराबर है ना ही न्यूनतम वेतन है.