AAP leader Saurabh Bhardwaj: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने रोहिणी जोन में होने वाले MCD चुनाव से पहले कांग्रेस को खुली चुनौती दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तीखा सवाल उठाते हुए लिखा कि जब एक तरफ बीजेपी समर्थित IVP का पैनल है और दूसरी तरफ AAP का पैनल, तो कांग्रेस के दो पार्षद किसके साथ खड़े होंगे.
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Saurabh Bharadwaj On Congress: दिल्ली नगर निगम (MCD) के रोहिणी जोन में चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन पद के चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पार्टी से एक सीधा और बड़ा सवाल पूछा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि 2 जून को रोहिणी जोन के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव है. एक तरफ बीजेपी समर्थित IVP का पैनल है और दूसरी तरफ हमारा (AAP) पैनल. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव बताएं कि उनके दो पार्षद किसे वोट देंगे. अब कांग्रेस और बीजेपी का रिश्ता सबके सामने आ जाएगा.
कल MCD रोहिणी ज़ोन के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन के चुनाव हैं। एक तरफ़ भाजपा समर्थित IVP का पैनल है और दूसरा पैनल आम आदमी पार्टी का है ।
कांग्रेस @INCDelhi के अध्यक्ष बता दें कि कांग्रेस के दो पार्षद कल किसको वोट देंगे @INCIndia
कल कांग्रेस और भाजपा का रिश्ता सामने आ जाएगा ।
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) June 1, 2025
इस बयान से सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है और यह जताया है कि अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस साफ बताए कि वह बीजेपी के साथ खड़ी है या आम आदमी पार्टी के साथ. यह सवाल ऐसे समय पर उठाया गया है जब दिल्ली नगर निगम के सभी 12 जोनों में वार्ड समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के लिए 2 जून को चुनाव होना है. इस चुनाव में कांग्रेस के अलावा सभी दलों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. बीजेपी ने 21, AAP ने 25, और IVP ने 2 उम्मीदवार खड़े किए हैं. जबकि कांग्रेस ने कोई नामांकन नहीं किया है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि वह किस ओर झुक रही है.
इस चुनाव के साथ-साथ MCD की स्थायी समिति (Standing Committee) की दो सीटों पर भी चुनाव होगा. ये सीटें उन पार्षदों के विधायक बनने के बाद खाली हुई थीं. यह चुनाव पहले 21 मई को होना था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद टल गया था. स्थायी समिति को MCD में सबसे ताकतवर संस्था माना जाता है क्योंकि यहीं पर सभी बड़े फैसले लिए जाते हैं. ऐसे में यह चुनाव सिर्फ पद के लिए नहीं, बल्कि सत्ता और रणनीति की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है. सौरभ भारद्वाज के सवाल ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब देखना होगा कि कांग्रेस खुलकर अपना रुख साफ करती है या चुप्पी साधे रखती है. लेकिन इतना तय है कि दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से AAP और बीजेपी के बीच सीधा टकराव देखने को मिलेगा और कांग्रेस की भूमिका अब सबसे बड़ा सवाल बन गई है.
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