Delhi News: आतिशी ने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को लिखा पत्र, कहा- अगले तीन दिन केवल बजट पर होनी चाहिए चर्चा
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Delhi News: आतिशी ने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को लिखा पत्र, कहा- अगले तीन दिन केवल बजट पर होनी चाहिए चर्चा

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने बुधवार को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि अगले तीन दिन केवल बजट पर चर्चा के लिए समर्पित किए जाएं.

Delhi News: आतिशी ने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को लिखा पत्र, कहा- अगले तीन दिन केवल बजट पर होनी चाहिए चर्चा

Delhi Budget: दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने बुधवार को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि अगले तीन दिन केवल बजट पर चर्चा के लिए समर्पित किए जाएं. माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता द्वारा कल दिल्ली विधानसभा के समक्ष वार्षिक बजट अनुमान 2025-26 रखा गया. 

आतिशी ने पत्र में लिखा कि एक अनुभवी विधायक और उससे भी अधिक अनुभवी जनप्रतिनिधि होने के नाते, आप अच्छी तरह से जानते हैं कि वार्षिक बजट अनुमान किसी भी विधानसभा के समक्ष रखा जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इसे रखे जाने के बाद, इस पर कई दिनों तक चर्चा होती है. दोनों पक्षों के विधायक अपने विचार रखते हैं और वित्त मंत्री बजट को विधानसभा द्वारा पारित किए जाने से पहले उन सभी मुद्दों पर जवाब देते हैं. यह चर्चा और बहस न केवल विधायकों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे दिल्ली के मतदाता और देश भर के लोग बारीकी से देखते हैं. 

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उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि मौजूदा सत्र के बचे हुए 3 दिन बजट पर चर्चा में ही व्यतीत होंगे. मैं यह देखकर हैरान थी कि 'कार्यसूची' में इतने सारे विषय हैं कि बजट पर बमुश्किल एक घंटे की चर्चा संभव होगी.आतिशी ने आगे कहा कि बजट पर चर्चा के लिए कितना समय दिया जाएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है. इस तरह से बजट पर चर्चा कैसे हो सकती है ? क्या 70 विधायकों की विधानसभा वार्षिक बजट पर चर्चा करने में बमुश्किल एक घंटा खर्च करेगी ? क्या इसे 5 अन्य एजेंडा मदों के बीच में रखा जाएगा? ऐसा लगभग लगता है कि सरकार बजट पर विस्तृत चर्चा से बचना चाहती है. यह बेहद चिंताजनक है. पहले तो सरकार ने सभी संसदीय परंपराओं के खिलाफ जाकर बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं किया  और अब बजट पर चर्चा को इतने सारे अन्य मुद्दों के बीच में रखा जा रहा है. इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है कि बजट पर चर्चा के लिए कितना समय दिया जाएगा या सत्ता पक्ष और विपक्ष को कितना समय दिया जाएगा.

दिल्ली के विपक्ष के नेता ने कहा कि शेष चर्चा और कामकाज 28 मार्च को रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगने लगा है कि सरकार कुछ छिपाना चाहती है. आर्थिक सर्वेक्षण में ऐसा कौन सा आर्थिक आंकड़ा और विश्लेषण है जिसे सरकार सामने नहीं लाना चाहती? अध्यक्ष महोदय, संसदीय प्रक्रिया और लोकाचार की पवित्रता सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है. आपसे अनुरोध है कि अगले दो दिन केवल संसद के बजट सत्र पर चर्चा के लिए समर्पित किए जाएं. शेष चर्चा और व्यवसाय 28 मार्च को रखे जा सकते हैं या जरूरत पड़ने पर सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है..

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