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Kaithal News: कैथल में रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में गुहला के पूर्व तहसीलदार मंजीत मलिक को अंबाला की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने शनिवार को जेएमआईसी तुषार शर्मा की कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने आरोपी तहसीलदार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
एसीबी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि मंजीत मलिक पिछले पांच महीनों से गिरफ्तारी के डर से हरियाणा से बाहर विभिन्न राज्यों में छिपता फिर रहा था. जैसे ही उसे एसीबी की कार्रवाई की भनक लगी, वह कैथल लौटा, लेकिन भागने में असफल रहा और अंत में गिरफ्तार हो गया. जांच में यह भी सामने आया कि मंजीत मलिक के विदेश भागने की अफवाह थी, जो गलत निकली. वह हरियाणा से बाहर पहाड़ी इलाकों में छिपा हुआ था. हालांकि, एसीबी ने आंतरिक जांच का हवाला देते हुए उन राज्यों के नाम उजागर करने से इनकार किया. मामले की जांच अंबाला एसीबी के डीएसपी मुकेश जाखड़ के नेतृत्व में जारी है.
क्या है पूरा मामला?
चीका निवासी विजय ने एसीबी को शिकायत दी थी कि उसने अमर सिटी कॉलोनी, चीका में 151 गज का एक प्लॉट खरीदा था, जिसकी रजिस्ट्री अपनी भाभी के नाम करवाने के लिए वह तहसीलदार मंजीत मलिक से मिला. मंजीत ने उसे तहसील कार्यालय के रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप कुमार से संपर्क करने को कहा. प्रदीप ने रजिस्ट्री के लिए विजय से 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी. फरवरी में एसीबी ने प्रदीप को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में प्रदीप ने तहसीलदार मंजीत मलिक की संलिप्तता का खुलासा किया. डीएसपी मुकेश जाखड़ ने बताया कि जांच अभी जारी है और मामले में सभी तथ्यों की गहन पड़ताल की जा रही है.
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Input: Vipin Sharma
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