Delhi Historical Gates: इस गेट एक तरफ दिल्ली और दूसरी तरह राज्स्थान का अजमेर शरीफ! जानें इतिहास की रोचक कहानियां
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Delhi Historical Gates: इस गेट एक तरफ दिल्ली और दूसरी तरह राज्स्थान का अजमेर शरीफ! जानें इतिहास की रोचक कहानियां

भारत की राजधानी अपनी राजनीति, मंदिरों, खाना और ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है. इन साथ ही यहां कई दरवाजें भी हैं. जो काफी फेमस हैं. दिल्ली के इन सभी दरवाजों का अपना-अलग इतिहास रहा है.

Delhi Historical Gates: इस गेट एक तरफ दिल्ली और दूसरी तरह राज्स्थान का अजमेर शरीफ! जानें इतिहास की रोचक कहानियां

Delhi Historical Gates: भारत की राजधानी अपनी राजनीति, मंदिरों, खाना और ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है. इन साथ ही यहां कई दरवाजें भी हैं. जो काफी फेमस हैं. दिल्ली के इन सभी दरवाजों का अपना-अलग इतिहास रहा है. जो आज हम आपको इस रिपोर्ट के जरिए बताने जा रहे हैं.

India Gate History: दिल्ली का इंडिया गेट पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका पूरा नाम ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल है. यह स्मारक उन भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी. इसकी आधारशिला फरवरी 1921 में रखी गई थी और यह भारत के सबसे बड़े युद्ध स्मारक के रूप में जाना जाता है. इसके दीवारों पर उन वीर सैनिकों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने अफगान युद्ध और प्रथम विश्व युद्ध में बलिदान दिया.  इंडिया गेट के साथ ही 26 जनवरी 1972 को अमर जवान ज्योति का निर्माण किया गया था. यह ज्योति उन शहीदों की याद में जलती है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. यह स्मारक न केवल एक युद्ध स्मारक है, बल्कि यह भारतीयता की एक पहचान भी है.  

Khooni Darwaza History: दिल्ली में स्थित खूनी दरवाजा, जिसे लाल दरवाजा भी कहा जाता है, एक ऐतिहासिक दरवाजा है. यह बहादुरशाह जफर मार्ग पर दिल्ली गेट के निकट स्थित है. 16वीं शताब्दी के मध्य में शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित, यह दरवाजा कई डरावने किस्सों से जुड़ा हुआ है. मुगल बादशाह औरंगजेब ने इसी दरवाजे पर अपने बड़े भाई दारा शिकोह का सिर कलम किया था, जो इस दरवाजे पर पहली हत्या मानी जाती है. इस दरवाजे से जुड़ी हत्याओं का सिलसिला 1947 तक जारी रहा, जिससे इसकी खौफनाक पहचान बनी. यह दरवाजा दिल्ली के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है और यहां की संस्कृति का हिस्सा है.  
  
Turkman Gate History: तुर्कमान गेट दिल्ली के सबसे प्राचीन दरवाजों में से एक है, जो 1650 में निर्मित हुआ. यह रामलीला मैदान के पास स्थित है और इसका नाम मशहूर संत तुर्कमान बियाबानी के नाम पर रखा गया है. यह दरवाजा लाल बलुआ पत्थरों से बना है और इसकी सुंदरता अद्वितीय है. इमरजेंसी के दौरान तुर्कमान गेट का बुलडोजर कांड एक चर्चित घटना रही है, जिसने इस दरवाजे को और भी प्रसिद्ध बना दिया.  

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Kashmere Gate History: कश्मीरी गेट दिल्ली का एक प्रसिद्ध दरवाजा है, जो लाल किले और पुरानी दिल्ली का उत्तरी दरवाजा है. इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था. यह दरवाजा उस सड़क की शुरुआत में स्थित है जो कश्मीरी की ओर जाती थी, इसलिए इसका नाम कश्मीरी गेट रखा गया.   

Delhi Gate History: दिल्ली गेट का निर्माण भी मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 में करवाया था. यह दरवाजा लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित है और इसे पहले हाथी-पोल भी कहा जाता था. यह दरवाजा मुख्य प्रवेश द्वार था जो लाल किले को शहर से जोड़ता था.  

Ajmeri Gate History: दिल्ली में कुल 14 गेट बनवाए गए थे, जिनमें से एक अजमेरी गेट है. इसका निर्माण 1644 से 1649 के बीच हुआ था और यहां से रास्ता सिधा राजस्थान स्थित अजमेर शरीफ की ओर जाता है.  
  
इन गेटों के अलावा दिल्ली में कई अन्य गेट भी हैं, जो अलग-अलग शासकों द्वारा बनवाए गए थे. मगर अब ये गेट खराब स्थिति में हैं या इनका नामोनिशान मिट चुका है.  कुछ गेटों की पहचान भी अब नहीं हो पाती. 

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