Legislative Excellence: विधानसभा अध्यक्ष ने इस पहल पर खुशी जताते हुए कहा कि इसका मकसद सिर्फ विधायकों की योग्यता बढ़ाना नहीं, बल्कि उन्हें जनता का बेहतर प्रतिनिधि बनाना भी है. यह पहल दिल्ली विधानसभा को और मजबूत करेगी और शासन को अधिक जिम्मेदार व पारदर्शी बनाने में मदद करेगी.
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Delhi Assembly: दिल्ली की राजनीति में एक नई परंपरा की शुरुआत हुई है. राजधानी की विधानसभा ने 'सर्वश्रेष्ठ विधायक ऑफ द ईयर' पुरस्कार की घोषणा की है. जिससे विधायकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया जाएगा. यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने नए विधायकों के लिए आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम के समापन सत्र में किया. यह पहल न केवल दिल्ली के विधायकों को संसदीय कार्यों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और विधायी प्रक्रिया को भी मजबूत करेगी.
कैसे चुना जाएगा सर्वश्रेष्ठ विधायक?
इस पुरस्कार के लिए तीन प्रमुख मानदंड तय किए गए हैं.
संसदीय बहस में योगदान - विधायकों को सदन में अपने क्षेत्र के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने और नीतिगत चर्चाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
सदन में उपस्थिति - सदन की कार्यवाही में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना इस पुरस्कार के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त होगी.
शिष्टाचार और संसदीय मर्यादा - बहस और चर्चाओं के दौरान उच्च संसदीय मानकों का पालन करना आवश्यक होगा.
दिल्ली विधानसभा को आदर्श बनाने की दिशा में कदम
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह पुरस्कार लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. यह न केवल विधायकों को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करेगा, बल्कि उन्हें जनता के प्रति अधिक जवाबदेह भी बनाएगा. उन्होंने आगे कहा कि यह दिल्ली विधानसभा को देश की सबसे अनुशासित और सक्रिय विधायिका बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
नए विधायकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
इस अवसर पर नए विधायकों के लिए एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम भी आयोजित किया गया, जिसका संचालन पार्लियामेंटरी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसीज (PRIDE) द्वारा किया गया. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में विधायकों को संविधान, सदन की प्रक्रिया, प्रश्नकाल, विधायी प्रस्ताव और नीति निर्माण से जुड़ी जानकारी दी गई. प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा लेक्चर और इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए, ताकि विधायकों को शासन प्रणाली की गहरी समझ मिल सके.
दिल्ली विधानसभा की नई सोच और दृष्टि
विधानसभा अध्यक्ष ने इस पहल को लेकर संतोष जताते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य न केवल विधायकों की क्षमता बढ़ाना है, बल्कि उन्हें दिल्ली की जनता के लिए अधिक प्रभावी प्रतिनिधि बनाना भी है. यह पहल दिल्ली विधानसभा को लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने और जिम्मेदार शासन को बढ़ावा देने की दिशा में आगे ले जाएगी.
राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पुरस्कार की घोषणा से विधायकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय रूप से काम करेंगे. इससे सदन की बहसों की गुणवत्ता में सुधार होगा और नीतिगत फैसलों में बेहतर पारदर्शिता आएगी. दिल्ली में मेट्रो विस्तार, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और डिजिटल गवर्नेंस जैसी योजनाओं के साथ-साथ यह नई पहल संसदीय संस्कृति को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है. आने वाले वर्षों में यह पुरस्कार किस तरह से दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. लेकिन एक बात निश्चित है अब विधायकों के लिए न केवल जनता का समर्थन बल्कि सदन में उनकी सक्रियता भी उनके प्रदर्शन का मानक बनेगी.
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