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Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल के प्रधान सचिव वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में आधार कार्ड जारी करने के लिए सख्त नियम लागू करने को कहा है. ऐसा अवैध प्रवासियों द्वारा बड़ी संख्या में आधार कार्ड हासिल किए जाने के मद्देनजर किया गया है.
11 जुलाई को लिखे पत्र में प्रधान सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अवैध अप्रवासी झूठे दस्तावेज या गलत बयानी के आधार पर आधार कार्ड हासिल करने में कामयाब हो गए हैं, जिससे स्थानीय रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. पत्र में आगे कहा गया है कि आधार कार्ड प्राप्त करने के बाद अवैध अप्रवासी भी केन्द्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हैं. उपराज्यपाल सचिवालय ने रजिस्ट्रारों से आधार कार्ड जारी करने में सख्ती बरतने को कहा है और उन्हें दो महीने के भीतर आधार नामांकन के आंतरिक मॉडल को अपनाने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव को 15 जुलाई तक राष्ट्रीय राजधानी में सभी आधार नामांकन केंद्रों की एक व्यापक सूची उपलब्ध कराने को भी कहा गया है.
पत्र में लिखा गया है कि यह बात उपराज्यपाल के ध्यान में लाई गई है कि सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान कई मामलों में अवैध अप्रवासी झूठे दस्तावेजों या गलत बयानी के आधार पर आधार कार्ड हासिल करने में कामयाब रहे हैं. इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है, जिसमें ऐसे व्यक्ति राष्ट्रीयता स्थापित करने वाले दस्तावेज, जैसे पासपोर्ट और मतदाता पहचान पत्र, हासिल करने में सफल हो गए हैं. इसमें आगे कहा गया है कि वे केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी उठाते हैं. आधार दस्तावेज हासिल करने के बाद, अवैध अप्रवासी नौकरियां हासिल कर लेते हैं, जिससे स्थानीय श्रम बाजार में मंदी आती है और स्थानीय रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है.
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पत्र के अनुसार, दिल्ली सरकार ने मार्च 2023 तक आधार नामांकन के लिए इन-हाउस मॉडल अपनाने के यूआईडीएआई के निर्देशों का पालन नहीं किया है. पत्र में कहा गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ( यूआईडीएआई ) द्वारा 14.10.2022 को जारी कार्यालय ज्ञापन की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है, जिसमें राज्य सरकार को आउटसोर्स के तहत काम कर रहे रजिस्ट्रारों/नामांकन एजेंसियों को 31 मार्च, 2023 तक इन-हाउस मॉडल में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए थे. उपराज्यपाल ने चिंता व्यक्त की है कि यह प्रणाली आज तक लागू नहीं की गई है.
उपराज्यपाल सचिवालय ने सभी रजिस्ट्रारों को आधार (नामांकन और अद्यतन) विनियम, 2016 के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन करने और दो महीने के भीतर आधार नामांकन के आंतरिक मॉडल को अपनाने का निर्देश दिया है. पत्र में कहा गया है कि अब, उपराज्यपाल ने निर्देश दिया है कि सभी रजिस्ट्रारों को आधार (नामांकन और अद्यतन) विनियम, 2016 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करने और दो महीने के भीतर आधार नामांकन के आंतरिक मॉडल को अपनाने के स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं. नगर निकायों सहित राज्य सरकार द्वारा स्थापित सभी नामांकन केंद्रों का विस्तृत विवरण, वर्तमान कार्यप्रणाली सहित, 15 जुलाई, 2025 तक प्रस्तुत किया जाए.