GDA News: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के मीडिया प्रभारी रूद्रेश कुमार कहना कि प्राधिकरण आदेश का पालन करेगा, लेकिन यह राशि कैसे और कब वसूली जाएगी, इस पर अंतिम फैसला जल्द लिया जाएगा.
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Ghaziabad Development Authority: गाजियाबाद के पॉश माने जाने वाले इंदिरापुरम इलाके में अगर आपका घर है तो जेब ढीली करने के लिए तैयार जाइए. अब आप कहेंगे कि क्यों भला. मैंने तो फ्लैट की सारी किस्त भी चुका हैं, अब क्या क्यों दूंगा तो आपको हम बता देते हैं. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) और यमुना प्राधिकरण के बीच चल रहे भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने भूमि के बदले यमुना प्राधिकरण को 349 करोड़ रुपये देने का आदेश GDA को दिया है. अब यही 349 करोड़ का भार इंदिरापुरम के फ्लैट खरीदारों पर पड़ने वाला है.
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
जीडीए ने इंदिरापुरम को एक नियोजित और सुविधाजनक आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया था. इंदिरापुरम क्षेत्र की जमीन यमुना प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में आती है. जमीन के भुगतान को लेकर दोनों प्राधिकरण में कानूनी लड़ाई चल रही थी. अब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यमुना प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि जीडीए यमुना प्राधिकरण को 349 करोड़ रुपये का भुगतान करे. माना जा रहा है कि जीडीए यह राशि आम आवंटियों से वसूल करेगा यानी फ्लैट और घर खरीदारों से.
स्थानीय निवासी और भुगतान के विरोध में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के मीडिया प्रभारी रूद्रेश कुमार कहना कि प्राधिकरण आदेश का पालन करेगा, लेकिन यह राशि कैसे और कब वसूली जाएगी, इस पर अंतिम फैसला जल्द लिया जाएगा. क्या सरकार कोई राहत देगी? क्या फैसले की समीक्षा होगी? क्या इस फैसले से वहां रह रहे किरायेदारों पर भी असर पड़ेगा, इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे.