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Ghaziabad Crime News: अगर आपने भी अपनी चार पहिया गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाया है तो एक बार दोबारा से चेक कर लीजिए कहीं चार पहिया की जगह दो पहिया के नाम पर आपको फर्जी इंश्योरेंस तो नहीं बेच दिया गया है. अगर ऐसा है तो आप भी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं. क्योंकि जिस एक्सीडेंटल क्लेम से बचने के लिए अपने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस खरीदा है, वह आपके काम नहीं आने वाला है. ऐसे में आप बड़े आर्थिक मुसीबत में फंस सकते हैं.
ऐसा ही एक ठगी का मामला गाजियाबाद से सामने आया है, जहां क्राइम ब्रांच में इंश्योरेंस के नाम पर ठगी करने वाले ऐसे गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो कि अब तक देशभर में 25000 लोगों को फर्जी इंश्योरेंस बेचकर चूना लगा चुके थे. क्राइम ब्रांच पुलिस को ICICI लोंबार्ड इंश्योरेंस कंपनी के तरफ से शिकायत मिली थी. कुछ लोग उनके एप में छेड़छाड़ करके फर्जी इंश्योरेंस मार्केट में जारी कर रहे हैं.
दरअसल, कंपनी की निगाह में भी यह मामला तब आया जब एक मामला एक्सीडेंटल क्लेम कोर्ट में पहुंचा. जिसके बाद कंपनी ने पॉलिसी चेक की तो वह चार पहिया वाहन की जगह दो पहिया वाहन के नाम पर निकली. इसके बाद कंपनी ने अपने इंश्योरेंस चेक करने शुरू किया तो कई सारे एक के बाद एक मामले खुलते चले गए. इसके बाद कंपनी ने क्राइम टीम के पास मामला दर्ज कराया.
क्राइम टीम ने अपनी जांच शुरू करते हुए दीपक और नजीर नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो कि चार पहिया वाहनों की इंश्योरेंस पॉलिसी को दोपहिया वाहनों के नाम पर रजिस्टर कर सस्ते में पॉलिसी निकाल कंपनी को चूना लगा रहे थे. पुरानी हो चली गाड़ी में लोग थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करना पसंद करते हैं, जिससे कोई एक्सीडेंटल केस होने पर आर्थिक बोझ न पड़े. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की रकम ज्यादा होने पर पकड़े गए आरोपी दोपहिया वाहनों को दिखाकर पॉलिसी निकाल दिया करते थे. इसके लिए वह कंपनी की ऐप में छेड़छाड़ किया करते थे. जैसे पकड़े गए आरोपी पहले एक इंश्योरेंस कंपनी में काम कर चुका है, जिसके नाम कंपनी की तरफ से कोड भी जारी किया गया था. ऐसे में पूरा गैंग ओपरेट करते हुए यह लोग देशभर में 25000 से ज्यादा इंश्योरेंस पॉलिसी बेच चुके हैं.
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पुलिस जांच में अभी सामने आया है कि केवल ICICI नहीं बल्कि चोलामंडलम और ऐसे 12 इंश्योरेंस कंपनी के फर्जी इंश्योरेंस बनाकर यह लोगों के ठगी से बेच दिया करते थे. क्योंकि थर्ड पार्टी क्लेम का रेशियो बहुत कम होता है. ऐसे में इन्हें उम्मीद थी कि यह नहीं पकड़े जाएंगे, पर एक एक्सीडेंटल क्लेम आने पर सारा मामला खुल गया और कंपनी की तरफ से शिकायत दर्ज करने पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई.
गौरतलब है कि केवल गाजियाबाद में ही पकड़े गए आरोपी 100 से ज्यादा फर्जी इंश्योरेंस बेच चुके हैं और आरोपियों के पास से 84 फर्जी पॉलिसी और दो मोबाइल फोन पुलिस ने बरामद की है.
Input: Piyish Gaur