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Haryana News: रोहतक के पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (PGIMS) में हाल ही में एक बड़ा एग्जाम घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में दो नियमित कर्मचारियों, एक कंप्यूटर ऑपरेटर रोशन लाल और असिस्टेंट रोहित को बर्खास्त किया गया है. ये दोनों कर्मचारी एमबीबीएस एनुअल और सप्लीमेंट्री एग्जाम में छात्रों को धोखाधड़ी के माध्यम से लाभ पहुंचाने के आरोप में पकड़े गए हैं. यूएचएसआर के कुलपति प्रोफेसर एचके अग्रवाल ने इस बर्खास्तगी की पुष्टि की.
कर्माचरी छात्रों की आंसर शीट बाहर ले जाने में करते थे मदद
उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों ने छात्रों को आंसर शीट को बाहर ले जाने में मदद की, जिससे उन्हें उत्तर दोबारा लिखने का मौका मिला. यह विश्वविद्यालय के मानकों के खिलाफ है और इसे गंभीरता से लिया गया है. इस मामले में हरियाणा पुलिस ने 24 छात्रों और 17 स्टाफ सदस्यों सहित कुल 41 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बर्खास्त हुए कर्मचारियों ने भी आंसर शीट से छेड़छाड़ करने की बात कबूल की है. जनवरी में हुए खुलासे के बाद इन दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था.
यूएचएसआर ने 41 व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की FIR
फरवरी तक, यूएचएसआर ने 41 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जिसमें एक निजी कॉलेज के 24 एमबीबीएस छात्र और 17 यूएचएसआर कर्मचारी शामिल थे. रोशन लाल और रोहित उन लोगों में शामिल थे जिनका नाम एफआईआर में था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में जांच जारी है, जिसमें राज्य भर के दो निजी कॉलेजों के छात्र शामिल हैं. विश्वविद्यालय की इंटरनल जांच में आंसर शीट और अवॉर्ड लिस्ट में दर्ज नंबरों के बीच गड़बड़ियों के संकेत मिले हैं.
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कर्माचारी ऐसे देते थे नकल को अंजाम
छात्र नकल को अंजाम देने के लिए एग्जाम में मिटने वाली स्याही का प्रयोग करते थे, जिसे बाद में हेयर ड्रायर की मदद से मिटाने का काम किया जाता था. उसके बाद कर्मचारी आंसर शीट को यूनिवर्सिटी के बाहर ले जाते थे और घोटलेबाज कर्मचारी इस सीट को भरकर फिर से जमा करवा देते थे. इस काम के लिए स्टूडेट्स 3 से 4 लाख रुपये कर्मचारी को देते थे.
कुलपति द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश में पुलिस पूछताछ के दौरान कर्मचारियों द्वारा दिए गए बयान को बर्खास्तगी का आधार बताया गया है. आदेश के अनुसार रोशन लाल ने उत्तर पुस्तिकाओं में फेरबदल और हेराफेरी करने की बात स्वीकार की. उसके घर से 6 लाख रुपए भी बरामद किए गए हैं. रोशन लाल ने मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया. रोहित की बर्खास्तगी के आदेश में भी इसी तरह के आरोप लगाए गए हैं. वहीं कुलपति के आदेश में कहा गया है कि चूंकि दोनों आरोपी वर्तमान में जेल में हैं, इसलिए यह आशंका है कि वे या उनके सहयोगी गवाहों को डराने की कोशिश कर सकते हैं. इससे न्याय में बाधा उत्पन्न हो सकती है. इस स्थिति को देखते हुए पुलिस इन कर्मचारियों की बेल को लेकर आपत्ति जता सकती है.