Haryana News: करनाल के आकाश और अरुण पाल जैसे लोग, जो आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से जूझ रहे थे. उन्होंने अमेरिका जाने का निर्णय लिया. उन्होंने अपने घर और जमीन को गिरवी रखकर और कर्ज लेकर अमेरिका जाने का सपना देखा. आकाश ने 40 लाख का कर्ज लेकर अमेरिका जाने का निर्णय लिया था.
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Haryana News: हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों में हरियाणा के करनाल जिले के सात लोग शामिल हैं. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई कार्रवाई के तहत 104 भारतीय नागरिकों को मंगलवार (4 फरवरी) को डिपोर्ट किया गया. यह घटना उन परिवारों के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को बेहतर भविष्य के लिए अमेरिका भेजा था.
40 लाख का कर्ज लेकर अमेरिका गया आकाश
करनाल के आकाश और अरुण पाल जैसे लोग, जो आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से जूझ रहे थे. उन्होंने अमेरिका जाने का निर्णय लिया. उन्होंने अपने घर और जमीन को गिरवी रखकर और कर्ज लेकर अमेरिका जाने का सपना देखा. आकाश ने 40 लाख का कर्ज लेकर अमेरिका जाने का निर्णय लिया, जबकि अरुण पाल ने आधा एकड़ जमीन बेचकर 30 लाख रुपए खर्च किए. इन युवाओं ने 'डंकी रूट' से अमेरिका पहुंचने की कोशिश की. इस रास्ते से यात्रा करना बेहद जोखिम भरा था, जिसमें जहाज, जंगल, और पानी के रास्ते से होते हुए बॉर्डर पार करना शामिल था. हालांकि, उनकी मेहनत और संघर्ष के बावजूद, अमेरिका में उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. \
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डिपोर्ट किए गए लोगों की वेरिफिकेशन के बाद सौंपा जाएगा
करनाल जिले के इन युवाओं के परिवार अब अमृतसर पहुंच गए हैं, जहां उन्हें अपने प्रियजनों का इंतजार है. डिपोर्ट किए गए लोगों की वेरिफिकेशन के बाद उन्हें उनके परिवारों को सौंपा जाएगा. आकाश और अरुण के परिवार के लिए यह एक कठिन समय है, क्योंकि उन्होंने अपने भविष्य के लिए बड़ा जोखिम उठाया था. आकाश, जो गांव कलरा का निवासी है. 26 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था. उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और उसके पिता की कई साल पहले मृत्यु हो गई थी. अब, उसके लौटने से न केवल कर्ज बढ़ेगा, बल्कि परिवार की आमदनी का एकमात्र स्रोत भी समाप्त हो गया है.
युवाओं का अमेरिका जाना था सपना
अरुण पाल ने भी अमेरिका जाने के लिए आधा एकड़ जमीन बेची थी. वह लगभग 6 महीने पहले अमेरिका गया था और उसने सोचा था कि अमेरिका में जाकर वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकेगा. लेकिन अब वह भी डिपोर्ट होकर वापस आ गया है. इन युवाओं का अमेरिका जाना एक सपना था, जिसे उन्होंने अपने परिवारों के भविष्य के लिए देखा था. लेकिन अब जब वे वापस आ गए हैं, तो उनके परिवारों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. उन्हें अब यह सोचना होगा कि आगे क्या करना है, और कैसे अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाना है.
Input: Kamarjeet Singh