Haryana News: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कई दिनों से चल रहे छात्र आंदोलन को लेकर अब रास्ता निकल गया है. बता दें कि विश्वविद्यालय के कुलपति बी.आर. कम्बोज को 6 महीने की छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया गया है.
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Hisar News: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में बीते कई दिनों से चल रहे छात्र आंदोलन का समाधान अब निकल आया है. हरियाणा सरकार और आंदोलनरत छात्रों के बीच मंगलवार को बातचीत के बाद कई अहम मांगों पर सहमति बन गई है, जिसके तहत कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कम्बोज को 6 महीने की छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया गया है.
छात्रों पर बरसे लाठी डंडे
यह आंदोलन उस समय शुरू हुआ जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने MSC और PHD छात्रों की छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) में कटौती कर दी और स्कॉलरशिप की पुरानी नीति को बदल दिया गया है. इसके विरोध में छात्र कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे. 10 जून को प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा छात्रों पर कथित लाठीचार्ज किया गया, जिसके बाद आंदोलन और तेज हो गया. छात्रों ने यह आरोप लगाया है कि वह शांतिपूर्वक अपनी मांगें रखने गए थे, लेकिन उन्हें लाठी डंडों से जवाब दिया गया. इसके बाद विश्वविद्यालय और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी और बढ़ गई.
छात्रों की प्रमुख मांगें
1- कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कम्बोज को पद से हटाया जाए.
2- 10 जून की घटना में शामिल पुलिसकर्मियों और विश्वविद्यालय प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
3- पुरानी छात्रवृत्ति नीति को बहाल किया जाए.
राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन
मंगलवार को छात्र प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. इस दौरान JJP युवा मोर्चा के अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला भी छात्रों के साथ मौजूद रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों के साथ न केवल अभद्रता हुई, बल्कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के बावजूद उन पर लाठीचार्ज किया गया. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि छात्र स्कॉलरशिप के मुद्दे पर अपनी बात रखने गए थे, लेकिन उनकी बात सुनने की बजाय उन्हें प्रताड़ित किया गया. केवल एक व्यक्ति पर FIR से काम नहीं चलेगा, सभी जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
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सरकार के साथ बनी सहमति
1- कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कम्बोज को 6 महीने की अवकाश पर भेजा जाएगा.
2- 10 जून की घटना की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
3- स्कॉलरशिप की पुरानी नीति को बहाल किया जाएगा और छात्रों को उनका स्टाइपेंड नियमित रूप से मिलेगा.
4- सरकार द्वारा इन मांगों को स्वीकार करने के बाद छात्रों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की. विश्वविद्यालय में अब शैक्षणिक गतिविधियाँ धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं.
कॉलेज और यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को सरकार की चेतावनी
हरियाणा में अब अगर आपने राज्यपाल, मुख्यमंत्री या मंत्री को सीधे शिकायत भेजी तो आपके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है. ऐसा हम नहीं, बल्कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है. सरकार ने कहा है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कर्मचारी सेवा मामलों पर सीधे राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को याचिका न दें. साथ ही अपनी शिकायत उचित प्रशासनिक माध्यम से दर्ज कराएं. जारी आदेश में कहा गया है, उच्च शिक्षा निदेशालय, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के अधिकारी और कर्मचारी हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 का पालन करें. उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
आदेश में कहा गया है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री या मंत्री को सीधे शिकायत भेजना बेहद आम हो गया है, लेकिन इसकी वजह से सरकारी कामों की प्राथमिकता तय करने में दिक्कत आ रही है. सीमित संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है और प्रशासनिक व अदालती मामलों में देरी का कारण बन रहा है.
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