Kaithal News: महाभारत कालीन इस मंदिर में पूरे वर्ष भक्तों का सैलाब उमड़ता रहता है. विशेष रूप से सावन मास और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. ऐसा माना जाता है कि अर्जुन ने यही तपस्या पशुपति अस्त्र हासिल किया था.
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Haryana News: कैथल में सावन के दूसरे सोमवार को महाभारत कालीन श्री 11 रुद्री शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया. छोटी काशी के नाम से मशहूर इस प्राचीन मंदिर में श्रद्धालुओं ने सभी 11 शिवलिंगों पर बेलपत्र, जल, दूध और फल चढ़ाकर विधिविधान से पूजा की. भक्तों ने ओम नमः शिवाय के जाप और भजनों के साथ शिव की स्तुति की और आशीर्वाद मांगा. पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री 11 रुद्री शिव मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान की थी. अर्जुन ने इस पवित्र स्थल पर घोर तपस्या की थी और भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे पशुपति अस्त्र प्राप्त किया था. यह अस्त्र महाभारत युद्ध में अर्जुन के लिए काफी कारगर साबित हुआ.
इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां एक ही स्थान पर भगवान शिव के 11 शिवलिंग स्थापित हैं, जो इसे विश्व में अनूठा और विशेष बनाता है. पूरे वर्ष यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता रहता है, जो भक्ति और श्रद्धा के साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने आते हैं. ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के कारण इसे देश-विदेश में विशेष मान्यता प्राप्त है. विशेष रूप से सावन मास और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.
मंदिर में स्थापित 11 शिवलिंग भगवान शिव के 11 रुद्र अवतारों का प्रतीक माने जाते हैं. रुद्र, शिव के उग्र और कल्याणकारी स्वरूप हैं, जो भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं.
इन 11 शिवलिंगों की एक साथ स्थापना इस मंदिर को अन्य शिव मंदिरों से अलग और विशेष बनाती है. मंदिर के पुजारी मुनींद्र मिश्रा और स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना भगवान शिव पूर्ण करते हैं. चाहे वह संतान प्राप्ति हो, स्वास्थ्य की कामना हो, या कोई अन्य इच्छा। भक्तों का विश्वास है कि 11 रुद्री शिव मंदिर में की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं जाती.
मंदिर का मूल स्वरूप आज भी महाभारत कालीन है, लेकिन समय के साथ इसमें कुछ परिवर्तन और जीर्णोद्धार किए गए हैं. मंदिर परिसर में अन्य छोटे-छोटे मंदिर भी हैं, जो भगवान गणेश, माता पार्वती, और नंदी को समर्पित हैं. मंदिर के चारों ओर हरियाली और शांत वातावरण भक्तों को ध्यान और भक्ति में डूबने का पूरा मौका देता हैं. मंदिर के पास एक पवित्र सरोवर भी है, जहां भक्त स्नान कर अपने को शुद्ध करते हैं. भक्तों का विश्वास और तीर्थयात्रा यह मंदिर न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे भारत और विश्व भर से आने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. सावन के सोमवार को मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन होता है, जिसमें हजारों भक्त भाग लेते हैं.
इनपुट: विपिन शर्मा
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