Heatstroke: दिल्ली के RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट तैयार, जानें इससे बचने का घरेलू इलाज
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2711554

Heatstroke: दिल्ली के RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट तैयार, जानें इससे बचने का घरेलू इलाज

Delhi Heatstroke: RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट तैयार की गई है. हीट स्ट्रोक के मरीज को जितनी जल्दी और तेजी से कूलिंग मिल सकें, उसके फायदेमंद हैं. दो एंबुलेंस भी हीट स्ट्रोक मरीजों के लिए तैयार की गई है. 

Heatstroke: दिल्ली के RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट तैयार, जानें इससे बचने का घरेलू इलाज

Delhi Heatstroke: दिल्ली में बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को देखते हुए अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं. दिल्ली के RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट शुरू कर दी गई है, जिससे कि हीट स्ट्रोक के कारण अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों का इलाज किया जा सके. पिछले साल भीषण गर्मी और गर्म हवाओं के कारण सैकड़ों लोग बीमार पड़े थे और दिल्ली में मरीजों की मौत हो गई थी, डॉक्टर का मानना है कि हीट स्ट्रोक में ऑर्गन फेल्योर होने का खतरा रहता है. 

हीट स्ट्रोक के लिए प्राथमिक इलाज 
RML अस्पताल में हीट स्ट्रोक यूनिट तैयार की गई है. हीट स्ट्रोक के मरीज को जितनी जल्दी और तेजी से कूलिंग मिल सकें, उसके फायदेमंद हैं. दो एंबुलेंस भी हीट स्ट्रोक मरीजों के लिए तैयार की गई है. जैसे ही वह मरीजों एंबुलेंस में पहुंचेगा तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा. 

इस साल गर्मी तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड 
हीट स्ट्रोक यूनिट में मरीजों के इलाज के लिए स्पेशल टब होते हैं, आइस मेकिंग मशीन हैं, आईसीयू बेड हैं, मॉनिटर है और एक टीम पूरी उसके लिए तैयार की गई है. पिछले साल लोगों के लिए काफी बुरा था गर्मी बहुत ज्यादा थी. इस साल अप्रैल की शुरुआत में ही गर्मी बढ़ गई है. इस साल और ज्यादा गर्मी बढ़ने की संभावना है. लोगों को खुद जागरुक होना पड़ेगा. अप्रैल से गर्मी शुरू हो गई है और जून में और भी ज्यादा होगी.

ये भी पढ़ें: आने वाले दिनों कैसा रहने वाला है मौसम का हाल, जानें अपडेट 

हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय 
बता दें कि दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक इस समय सबसे ज्यादा गर्मी होती है. उस समय में कोई फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा न करें. ज्यादा व्यायाम न करें. वहीं बच्चे और बुजुर्ग, जिनको कुछ बीमारी है. वह धूप में बाहर न निकले, अगर जरूरी है तो छाता लेकर निकले. धूप में टोपी लगा लें, जिससे कि गर्मी का प्रभाव कम पड़े.  पानी पीते रहे डिहाइड्रेट खुद को रखें. 

सरकार के निर्देशों को नजरअंदाज करना जानलेवा 
सरकार की एडवाइजरी जारी की जाए तो उसे फॉलो करना बहुत जरूरी है. क्योंकि पिछले साल घूप में काम करने से कुछ मजदूरों की मौत हो गई थी, जो कि टीन सेड के नीचे काम कर रहे थे. उनको हीट स्ट्रोक हुआ था, लेकिन हम जान नहीं बचा सकी. 

हीट स्ट्रॉक से ऑर्गन फेलियर का खतरा 
हीट स्ट्रॉक में कोई मेडिसिन काम नहीं करती है, सबसे पहले कूलिंग स्टार्ट करनी पड़ती है. अगर मरीज को अस्पताल नहीं ले जा पा रहे हैं तो सबसे पहले उसे पानी में बैठाकर बर्फ डालें. जितनी जल्दी कूलिंग होगी है, उतनी जल्दी उसके अंग को सही कर सकते हैं. नहीं तो ऑर्गन फेलियर  फेल हो सकते हैं. 

INPUT: DAVESH KUMAR

;