Kaithal News: होली त्योहार में अब दो दिन ही बचें हैं. ऐसे में हर जगह होली की चहल-पहल है. बता दें कि हरियाणा के कैथल जिले के उपमंडल गुहला स्थित दुशहरपुर गांव में पिछले 300 वर्षों से होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है.
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Holi 2025: हरियाणा के कैथल जिले के उपमंडल गुहला स्थित दुशहरपुर गांव में पिछले 300 वर्षों से होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. यह अजीब स्थिति एक शाप की वजह से है, जिसे एक साधु ने गांव के लोगों को दिया था. स्थानीय मान्यता के अनुसार, 300 साल पहले होली के दिन एक साधु ने गांव में आकर अपनी समाधि ली थी और गांववालों को यह चेतावनी दी थी कि यदि वे होली का त्योहार मनाएंगे तो उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा.
क्या है कहानी?
कहानी के अनुसार, 300 साल पहले गांव में एक साधु स्नेही राम रहते थे, जो छोटे कद के थे. एक होली के दिन कुछ युवकों ने साधु का मजाक उड़ाया, जिससे नाराज होकर उन्होंने होलिका दहन के दौरान अपनी जान दे दी. इस दौरान उन्होंने गांव वालों को शाप देते हुए कहा कि आगे से गांव में कभी भी होली का त्योहार नहीं मनाया जाएगा. इसके अलावा साधु ने यह भी कहा था कि अगर गांव में होली के दिन किसी गाय के बछड़े का जन्म होता है और किसी घर में लड़का पैदा होता है, तो उनका शाप खत्म हो जाएगा.
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ऐसे लेते है बाबा का आशर्वाद
लेकिन 300 साल से इस गांव में यह संयोग नहीं बन पाया है. इस घटना के बाद से गांववालों ने शाप से मुक्ति पाने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिशें असफल रही. हालांकि कुछ ग्रामीण आज भी बाबा स्नेही राम की समाधि पर पूजा करते हैं और मीठी रोटियां बनाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस अद्भुत घटना ने गांव के लोगों में आस्था और अंधविश्वास दोनों ही का मिश्रण पैदा कर दिया है. जहां कुछ लोग यह मानते हैं कि यह एक वास्तविक श्राप है, वहीं कुछ इसे सिर्फ एक लोककथा मानते हैं. इसके बावजूद, गांव में आज तक होली का त्योहार नहीं मनाया गया है और ग्रामीण इस परंपरा को निभाने में विश्वास रखते हैं.
Input- VIPIN SHARMA