नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और सेक्टर-142 से सेक्टर-38ए बॉटेनिकल गार्डन तक मेट्रो लाइन का टोपोग्राफी सर्वे शुरू होने जा रहा है. यह सर्वे मेट्रो परियोजनाओं की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो सुरक्षित और कुशल निर्माण के लिए आवश्यक है। इसके बाद रूट का डिजाइन तैयार किया जाएगा.
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Noida Metro: नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और सेक्टर-142 से सेक्टर-38ए बॉटेनिकल गार्डन तक मेट्रो लाइन का टोपोग्राफी सर्वे शुरू होने जा रहा है. यह सर्वे मेट्रो परियोजनाओं की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो सुरक्षित और कुशल निर्माण के लिए आवश्यक है। इसके बाद रूट का डिजाइन तैयार किया जाएगा.
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने इस सर्वे के लिए टेंडर जारी कर दिया है. एनएमआरसी के अधिकारियों के अनुसार, यह रूट सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही एक्वा लाइन मेट्रो का लिंक रूट होगा. टोपोग्राफी सर्वेक्षण के माध्यम से जमीन की ऊंचाई, गहराई, आकार और स्थान का पता लगाया जाएगा. यह जानकारी रूट के ड्राइंग डिजाइन के लिए आवश्यक होगी. यह प्रक्रिया मिट्टी, चट्टान और भूजल की स्थिति का आंकलन करती है.
इस सर्वेक्षण का उद्देश्य इंजीनियरों को जमीन की विशेषताओं के आधार पर नींव, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे के घटकों को डिजाइन करने के लिए आवश्यक डेटा प्रदान करना है. यह जानकारी मेट्रो निर्माण में महत्वपूर्ण है. एजेंसी मिट्टी और चट्टान के वर्गीकरण का विवरण देते हुए एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट में डिजाइन गणना, डिजाइन मानदंड और कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला जाएगा.
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एजेंसी को कार्य सौंपे जाने की तिथि से 60 दिनों के भीतर फील्ड वर्क पूरा करना होगा. इसके बाद, मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स से अनुमति ली जाएगी. अनुमति मिलने के बाद, यदि केंद्र सरकार भी इस रूट की डीपीआर को मंजूरी देती है, तो एनएमआरसी निर्माण शुरू करने के लिए टेंडर जारी करेगा. यूपी सरकार पहले ही इस रूट की डीपीआर को मंजूरी दे चुकी है.
यह रूट 11.56 किमी लंबा होगा और इसके निर्माण में लगभग पांच साल का समय लगेगा. वर्तमान में, एनएमआरसी सेक्टर-51 से ग्रेनो डिपो तक एक्वा लाइन पर मेट्रो का संचालन कर रहा है, जो 29.707 किमी लंबा है. इस नए रूट के निर्माण से नोएडा-दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी. वर्तमान में, सेक्टर-52 स्टेशन के पास स्थित दोनों स्टेशनों के बीच सीधी कनेक्टिविटी नहीं है, जिससे यात्रियों को 300-400 मीटर पैदल चलना पड़ता है.