Chaitra Navratri 2025: माता मनसा देवी के मंदिर का निर्माण मनीमाजरा के महाराजा गोपाल सिंह ने साल 1811 और 1815 के बीच में करवाया था. बताया जाता है कि यहां पर माता सती का मस्तिष्क गिरा था, जिसके बाद इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया.
Trending Photos
Chaitra Navratri 2025: कल यानी की 30 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू होने जा रही है, जोकि 6 अप्रैल तक रहेंगे. इस साल मैय्या रानी के नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं. चैत्र नवरात्रों को लेकर हरियाणा के पंचकूला स्थित माता मनसा देवी मंदिर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. पंचकूला में स्थित माता मनसा देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.
आपको बता दें कि यह मंदिर खास है, क्योंकि यह वही जगह है, जहां माता सती का मस्तिष्क गिरा था. कहते है कि जो भी सच्चे मन से माता के दरबार में पहुंचता है, माता उसकी मनोकामना को जरूर पूरा करती हैं. माता मनसा देवी के मंदिर का निर्माण मनीमाजरा के महाराजा गोपाल सिंह ने साल 1811 और 1815 के बीच में करवाया था. बताया जाता है कि यहां पर माता सती का मस्तिष्क गिरा था, जिसके बाद इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया.
करीब 200 वर्षों से इस मंदिर में श्रद्धालु माता मनसा देवी के दरबार में माथा टेकने पहुंचते हैं. यहां पर श्रद्धालुओं का ऐसा मानना है कि आज तक कोई भी शख्स माता के दरबार से खाली हाथ नहीं गया. देश-विदेश से श्रद्धालु यहां माता मनसा देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं के लिए नवरात्रि के मौके पर विशेष प्रबंध किए गए हैं.
ये भी पढ़ें: Navrartri: हरियाणा के इस शक्तिपीठ मंदिर में हुआ था भगवान कृष्ण का मुंडन,जानें इतिहास
कहते हैं कि मनसा देवी भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री हैं. इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ, इसलिए इन्हें मनसा देवी कहा जाता है. महाभारत के मुताबिक इनका वास्तविक नाम जरत्कारु है.
मंदिर का इतिहास बताता है कि मनीमाजरा के महाराज गोपाल सिंह ने मनोकामना मांगी थी और जब मनोकामना पूरी हुई, तब इस मंदिर का निर्माण करवाया था. उनके महल से लेकर माता मनसा देवी मंदिर तक एक गुफा भी थी, जिसके माध्यम से राजा रोज इस गुफा से होते हुए मंदिर पहुंचे थे और माता मनसा देवी की पूजा अर्चना करते थे. पंचकूला माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड द्वारा नवरात्र के नौ दिनों के लिए श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध भी किए गए हैं.
Input: Divya Rani