Shrine of Ravana grandfather Pulastyamuni : ग्रामीणों का कहना है नोटिस मिलने के बाद सदमे से एक महिला की मौत हो गई. वे अपना घर किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे. यह हमारी पूर्वजों की धरोहर है. सरकार यदि वाकई संरक्षण चाहती है तो पहले उन्हें बसाने की योजना पेश करे.
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Haryana News: कैथल के गांव पोलड़ की जमीन को ऐतिहासिक घोषित करते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) कई बार खुदाई कर चुका है. अब कोर्ट में ASI की याचिका के बाद ही गांव को खाली करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने गांव के 206 घरों को नोटिस भेजकर जल्द से जल्द मकान खाली करने को कह दिया है, जिसके बाद इस ऐतिहासिक गांव पोलड़ में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ग्रामीणों का दावा है कि नोटिस मिलने के बाद रविवार तड़के सदमे से आंगनबाड़ी वर्कर महिला की मौत हो गई. करीब 3 बजे हार्ट अटैक आने के बाद महिला ने दम तोड़ दिया. आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे ग्रामीणों का कहना है कि वह अपना घर किसी भी हाल में नहीं छोड़ेंगे.
पूर्वजों की जमीन नहीं छोड़ेंगे
ग्रामीणों का कहना है कि वे भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय यहां बसे थे और तभी से गांव में रह रहे हैं. अब तक गांव में पुरातत्व विभाग तीन बार खुदाई कर चुका है, लेकिन कोई ऐतिहासिक अवशेष नहीं मिले है. इसके बावजूद उन्हें बेघर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. गांववासियों ने रविवार को गुहला से कांग्रेस विधायक देवेंद्र हंस को ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि गांव को खाली कराने के आदेशों को रद्द करवाया जाए. ग्रामीणों ने साफ कह दिया कि वे अपने घर किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे. यह हमारी पूर्वजों की धरोहर है.
कोर्ट जाने की चेतावनी
विधायक दविंदर हंस ने बताया कि अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन, धरना और न्यायालय तक जाने की योजना बनाई जा रही है. गांववासियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार यदि वाकई संरक्षण चाहती है तो पहले उन्हें बसाने की योजना पेश करे.
रावण के दादा से जुड़ा है गांव पोलड़ का इतिहास
गांव पोलड़ को धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. किदवंती के अनुसार, यह स्थल रावण के दादा पुलस्त्यमुनि की तपोस्थली रहा है. मान्यता है कि पुलस्त्यमुनि ने यहां सरस्वती नदी के किनारे स्थित इक्षुपति तीर्थ पर तपस्या की थी. यह भी माना जाता है कि रावण का बचपन इसी स्थान पर बीता था.
इनपुट: विपिन शर्मा
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