Kumari selja News: सिरसा में मीटिंग के दौरान सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक-एक चीज के साथ तालमेल बैठना होता है. वो जन प्रतिनिधि हैं, उनके पास और भी बहुत कुछ होता है. वह सांसद सुविधा केंद्र के कर्मचारी से उपायुक्त कार्यालय का काम कराए जाने और उसकी तनख्वाह न मिलने को लेकर नाराज दिखीं.
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Haryana News: सांसद कुमारी सैलजा ने बुधवार को सिरसा में विधायकों और अधिकारियों के साथ जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की मीटिंग ली. इसमें कालांवाली के विधायक शीशपाल, ऐलनाबाद के विधायक भरत सिंह, सिरसा के उपायुक्त सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे. मीटिंग शुरू होते ही सांसद अधिकारियों की कार्यशैली देख भड़क उठीं. उन्होंने मीटिंग का एजेंडा देरी से दिए जाने को लेकर अधिकारियों को लताड़ लगाई. उन्होंने कहा कि उन्हें एजेंडा कल मिला था और आज मीटिंग है. इतने कम समय में वह इसे कैसे देख सकती हैं.
उन्होंने कहा कि एक-एक चीज के साथ तालमेल बैठना होता है. वो जन प्रतिनिधि हैं, उनके पास और भी बहुत कुछ होता है. यदि आप इस तरह से काम करेंगे तो ये काम करने का तरीका तो है. कुमारी सैलजा ने सख्त लहजे में कहा कि अगर आप काम नहीं करना चाहते हैं तो ये मीटिंग खत्म करें. वह प्रधानमंत्री को लिख देंगी कि जिला प्रशासन इस तरह से ही काम करता है.
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सांसद सुविधा केंद्र पर नाम न मिलने पर हुईं नाराज
कुमारी सैलजा ने सिरसा के उपायुक्त को सम्बोधित करते हुए कहा कि सांसद सुविधा केंद्र उनका कोई निजी ऑफिस नहीं है. उस पर उनका नाम तक नहीं लिखा है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारी सांसद सुविधा केंद्र के कर्मचारी से काम करवाते हैं और उसे तीन-तीन महीने तक तनख्वाह भी नहीं मिलती. साथ ही उसे परेशान भी किया जाता है. उन्होंने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अगर आप इसे गंभीरता से नहीं लेंगे तो फिर प्रधानमंत्री को बताएं कि आप उनकी योजनाओं से सहमत नहीं हैं.
पार्टी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
राहुल और सोनिया गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से भड़के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सांसद कुमारी सैलजा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कियाऔर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस सांसद ने कहा कि बीजेपी की सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है जो कांग्रेस कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्त्ता सड़क से लेकर संसद तक विरोध के लिए तैयार हैं. ये लड़ाई केवल राहुल या सोनिया गांधी की नहीं, बल्कि सच और झूठ की है. सारी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है.