Supreme Court: दिल्ली में LG के अधिकारों को चैलेंज करने वाले 7 केस वापस होंगे? सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई
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Supreme Court: दिल्ली में LG के अधिकारों को चैलेंज करने वाले 7 केस वापस होंगे? सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई

Delhi News: जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एलजी को यमुना नदी के पुनरुद्धार से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए गठित एक उच्च स्तरीय समिति का नेतृत्व करने के लिए कहा गया था.

Supreme Court: दिल्ली में LG के अधिकारों को चैलेंज करने वाले 7 केस वापस होंगे? सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई

Delhi Politics: आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान यमुना सफाई से जुड़े एक मामले और कई निकायों में एलजी के अधिकारों को चुनौती देते हुए सात एफआईआर की गई थीं. इन सभी मामलों को वापस लेने के लिए दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने सरकार द्वारा दायर आवेदन को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. 

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि याचिका में सुप्रीम कोर्ट में लंबित सात मामलों को वापस लेने की मांग की गई है, जिसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, यमुना की सफाई सहित कई समितियों में एलजी के अधिकार को चुनौती दी गई है और अधिनियमों और अध्यादेशों की वैधता के खिलाफ पिटीशन दायर की गई हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, हम इन सभी मामलों को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करेंगे और आवेदन पर विचार करेंगे.

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दरअसल तत्कालीन आप सरकार द्वारा दायर मामलों में से एक में, जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एलजी को यमुना नदी के पुनरुद्धार से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए गठित एक उच्च स्तरीय समिति का नेतृत्व करने के लिए कहा गया था. कोर्ट एनजीटी के 19 जनवरी, 2023 के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया और उस याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया, जिसके आवेदन पर एनजीटी ने आदेश जारी किया था.

एनजीटी ने दिल्ली में संबंधित अधिकारियों की उच्च स्तरीय समिति का गठन किया, जहां अन्य नदी बेसिन राज्यों की तुलना में यमुना का प्रदूषण अधिक (लगभग 75 प्रतिशत) था. एनजीटी ने कहा था, हम दिल्ली के एलजी (जो डीडीए के चैयरमैन और संविधान के अनुच्छेद 239 के तहत दिल्ली के प्रशासक हैं)  से अनुरोध करते हैं कि वे समिति का नेतृत्व करें. 

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