Haryana News: यमुना किनारे करोड़ों की पेचिंग पर सवाल, किसानों ने उठाए गंभीर सवाल
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Haryana News: यमुना किनारे करोड़ों की पेचिंग पर सवाल, किसानों ने उठाए गंभीर सवाल

Haryana News:  यमुना नदी के किनारों पर करोड़ों रुपये की लागत से पत्थरों की पेचिंग का कार्य किया जा रहा है.  ऐसा सिंचाई विभाग की ओर से किया जा रहा है, लेकिन इसमें कई खामियां भी हैं. किसानों का आरोप है कि यदि यह पत्थर सही मापदंड और तकनीक से लगाए जाएं.

Haryana News: यमुना किनारे करोड़ों की पेचिंग पर सवाल, किसानों ने उठाए गंभीर सवाल

Yamuna Nagar News: आने वाले समय में संभावित बाढ़ और बरसाती पानी के खतरे को देखते हुए सिंचाई विभाग की ओर से यमुना नदी के किनारों पर करोड़ों रुपये की लागत से पत्थरों की पेचिंग का कार्य किया जा रहा है. यह कार्य जाहिरा तौर पर गांवों की सुरक्षा और खेतों को पानी से बचाने के उद्देश्य से हो रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बता रही है. 

फसलों को भी नुकसान नहीं होगा
किसानों का कहना है कि यमुना नदी के किनारे पर पत्थर लगाने का काम किया तो जा रहा है. मगर इसमें कई खामियां हैं. किसानों का आरोप है कि यदि यह पत्थर सही मापदंड और तकनीक से लगाए जाएं, तो यह बरसात में नदी के तेज बहाव को झेल सकते हैं. वर्षों तक टिके रह सकते हैं. इससे न सिर्फ गांवों में बाढ़ का खतरा टलेगा, बल्कि फसलों को भी नुकसान नहीं होगा. मगर, अफसोस की बात यह है कि सिंचाई विभाग हर साल एक जैसी लापरवाही और भ्रष्टाचार का प्रदर्शन करता आ रहा है. जिन ठेकेदारों को यह कार्य सौंपा जाता है. वह विभाग के चहेते होते हैं और उन्हें काम का ठेका ठीक उसी समय दिया जाता है. जब बरसात सिर पर आ चुकी होती है. इससे काम में जल्दबाजी होती है और गुणवत्ता में समझौता किया जाता है.

किसानों को झेलनी पड़ती है बाढ़ की समस्या 
किसानों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते, यानी बारिश से महीनों पहले, उचित प्रक्रिया और पारदर्शिता के साथ यह काम किया जाए तो नदी के किनारे हर साल टूटने से बच सकते हैं. मगर विभाग की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह कार्य सिर्फ खानापूर्ति और बजट खर्च करने के उद्देश्य से किए जाते हैं, क्योंकि पत्थरों का साइज बड़ा होने से पत्थर एक जगह टिके रहते हैं, लेकिन नदी के किनारे पर छोटे-छोटे पत्थर लगा दिए जाते हैं. जो पानी के भाव से आगे बह जाते हैं और किनारे टूट कर नदी में गिर जाते हैं, जिससे बाढ़ का खतरा किसानो की फसल को भुगतना पड़ता है.

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ग्रामीण फिर से करेंगे त्रासदी का सामना
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार यमुना नदी के किनारों पर लगाए गए ये पत्थर तेज बारिश और नदी के बहाव को रोक पाएंगे या फिर हर साल की तरह बहकर आगे निकल जाएंगे. साथ ही ग्रामीण फिर एक बार उसी त्रासदी का सामना करेंगे, क्योंकि इस पूरे प्रकरण में विभाग की भ्रष्टाचारी शामिल होगी.

Input- KULWANT SINGH

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