ना मिठाई...ना मेवा, छत्तीसगढ़ में यहां देवी को चढ़ता है लौकी-तेंदू की लकड़ी, 'बच्चों के मंदिर' के नाम से है मशहूर
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ना मिठाई...ना मेवा, छत्तीसगढ़ में यहां देवी को चढ़ता है लौकी-तेंदू की लकड़ी, 'बच्चों के मंदिर' के नाम से है मशहूर

Shatan Devi Temple Story:  देश ही नहीं प्रदेश में कई मंदिर हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो अपनी खास परंपराओं के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर छत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित है, जिसका नाम शाटन देवी का मंदिर कहा जाता है. यहां के बारे में कई अनोखी बातें कही जाती हैं, जिन पर लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है.

 

छत्तीसगढ़ में यहां देवी को चढ़ता है लौकी-तेंदू की लकड़ी!
छत्तीसगढ़ में यहां देवी को चढ़ता है लौकी-तेंदू की लकड़ी!

Ratanpur Temple News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित रतनपुर, अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. यहां मौजूद शाटन देवी मंदिर लोगों की गहरी आस्था का केंद्र माना जाता है. यह मंदिर रतनपुर किले के पास स्थित है और शक्ति की देवी मां शाटन को समर्पित है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां माता के दर्शन करने आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. खासकर, यह मंदिर उन लोगों के लिए बहुत खास माना जाता है, जो संतान की इच्छा रखते हैं. इसीलिए इसे स्थानीय लोग प्यार से बच्चों का मंदिर भी कहते हैं.

इस मंदिर की परंपराएं भी उतनी ही अनोखी हैं, जितनी इसकी मान्यताएं. देश के अधिकतर मंदिरों में जहां फल, मिठाई, नारियल या मेवा चढ़ाने की परंपरा होती है, वहीं यहां भक्त माता को लौकी और तेंदू की लकड़ी चढ़ाते हैं. यह परंपरा काफी प्राचीन है और पीढ़ियों से निभाई जा रही है. लोगों का विश्वास है कि माता को यही चीजें प्रिय हैं और इन्हीं के माध्यम से वे प्रसन्न होती हैं. खास बात ये भी है कि जिनकी मन्नत पूरी होती है, वे लौकी और तेंदू की लकड़ी चढ़ाकर माता का धन्यवाद करते हैं.

मंदिर की ये है मान्यता
मंदिर को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. खासकर संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि दूर-दराज से लोग यहां मन्नत लेकर आते हैं और जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो संतान के साथ माता के दर्शन करने जरूर लौटते हैं. यह परंपरा केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में आशा की एक मजबूत डोर भी है, जिससे उनका गहरा जुड़ाव है.

दूर-दूर से आते हैं लोग 
मां शाटन देवी का मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और उम्मीद का प्रतीक बन चुका है. यहां साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है और विशेष मौकों पर यह संख्या हजारों में पहुंच जाती है. इस मंदिर की लोकप्रियता सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य राज्यों से भी लोग यहां दर्शन करने आते हैं. ये मंदिर न केवल शक्ति उपासना का केंद्र है, बल्कि उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण भी है जो किसी ना किसी जीवन संघर्ष से जूझ रहे होते हैं. (सोर्सः TV9 भारतवर्ष)

नोट: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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