MP Patalpani Kalakund Heritage Train: मध्य प्रदेश में पातालपानी से कालकुंड तक का सफर काफी रोमांच भरा होता है. क्यों कि रास्ते में प्रदेश की हरी भरी खूबसूरती देखने को मिलती है. इन्हीं हरी भरी वादियों के बीच से होकर प्रदेश का पहला हेरिटेज ट्रेक भी गुजरता है. हर साल प्रदेश में मानसून जैसे ही दस्तक देता है, तो इस हेरिटेज ट्रेक पर हेरिटेज ट्रेन की रफ्तार फिर तेज हो जाती है.
पिछले साल जुलाई से लेकर नवंबर तक के केवल पांच महीनों में 50 हजार से ज्यादा लोगों ने इस हेरिटेज ट्रेन के जरिए सफर का लुत्फ उठाया था. रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रेन का संचालन आमतौर पर जुलाई से मार्च तक किया जाता है. हालांकि नवंबर के बाद सैलानियों की संख्या कम होने लगती है, जिससे ट्रेन में यात्रियों की मौजूदगी भी घट जाती है.
आपको बता दें कि सबसे अधिक पर्यटक बरसात के मौसम में ही हेरिटेज ट्रेक पर घूमना पसंद करते हैं. रेलवे के अनुसार, बीते साल यह ट्रेन लगभग 70 दिनों तक चली थी और इस दौरान रेलवे को करीब 50 लाख रुपये की आय हुई थी. यह दिखाता है कि इस हेरिटेज सफर को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है.
इस खूबसूरत सफर की शुरुआत पातालपानी रेलवे स्टेशन से होती है और इसका अंतिम पड़ाव कालाकुंड है. इस बीच सैलानी पातालपानी जलप्रपात, वैली ब्रिज और चार टनल से गुजरते हुए हरे-भरे जंगलों का आनंद लेते हैं. ये सुरंगे और घाटियों की गहराइयां इस सफर को और भी यादगार बना देती हैं.
ट्रेन रास्ते में कई खास जगहों पर रुकती है, जिससे यात्री बाहर निकलकर प्राकृतिक नजारों को निहार सकें. सफर शुरू होने से पहले रेलवे विभाग ने पातालपानी स्टेशन, टंट्या भील व्यू पाइंट और कालाकुंड स्टेशन को सजाया और संवारा है, ताकि सैलानियों को बेहतर अनुभव मिल सके.
पश्चिम रेलवे मंडल हर साल जुलाई महीने में हेरिटेज ट्रेन का संचालन शुरू करता है. पिछले साल यह सेवा 20 जुलाई से शुरू हुई थी. इस बार उम्मीद है कि 10 जुलाई के बाद से ही यह सेवा शुरू हो जाएगी. रेलवे के सूत्रों के अनुसार संचालन को लेकर विभाग की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
पिछले साल जुलाई से लेकर मार्च तक कुल 70 दिनों तक ट्रेन का संचालन हुआ था. खासतौर पर 20 जुलाई से सितंबर के अंत तक 26 दिनों में करीब 15 हजार सैलानियों ने ट्रेन की सवारी की थी. लेकिन अक्टूबर के बाद से धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में गिरावट आने लगी थी.
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