Nagpanchmi Nagchandreshwar Ujjain: उज्जैन महाकाल मंदिर के शिखर पर देश का एकमात्र ऐसा दिव्य मंदिर स्थित है जिसके पट साल में सिर्फ एक बार ही खुलते हैं. बाकी के 364 दिन मंदिर के दर्शन करने की अनुमति नहीं होती है. इस दिव्य स्थल का नाम है नागचंद्रेश्वर मंदिर, जिसके पट सिर्फ नागपंचमी 2025 के अवसर पर ही खोले जाते हैं. नागपंचमी के दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. बताया जाता है कि भगवान शिव का पूरा परिवार नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित सर्प शय्या पर विराजमान है.
श्रावण मास की नागपंचमी के दिन इस साल भी श्रद्धालुओं को अद्वितीय सौभाग्य प्राप्त होने जा रहा है. उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के पट परंपरानुसार साल में एक बार, नागपंचमी के दिन खोले जाएंगे.
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के गादीपति महंत विनीत गिरी जी महाराज ने जानकारी दी है कि 28 जुलाई की मध्यरात्रि 12 बजे अखाड़े के पदेन महंतों द्वारा भगवान नागचंद्रेश्वर के पट खोले जाएंगे और ठीक 24 घंटे बाद अगले दिन रात 12 बजे पट फिर से बंद कर दिए जाएंगे.
इस अवसर पर भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाती है. यानी दिन के तीनों समय पूरे विधी विधान से विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस पूजा को महाकाल परंपरा के तत्काल पूजा पद्धति के अनुसार संपन्न किया जाता है, जिसमें वैदिक मंत्रों के साथ विशेष अर्पण और अभिषेक भी किया जाता है.
महंत विनीत गिरी महाराज के अनुसार, मंदिर में स्थित मूर्ती पूरे भारतवर्ष में अद्वितीय है. यहां भगवान शिव सर्प शय्या पर विराजमान हैं और साथ में माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेशजी भी स्थापित हैं. ऐसी मान्यता है कि यह मूर्ती नेपाल से लाई गई थी, और नेपाल में भी इस प्रकार की दुर्लभ मूर्तियां देखी जा सकती है. भारत में इससे मिलती-जुलती कोई दूसरी मूर्ति अब तक सामने नहीं आई है.
बताया जाता है कि प्राचीन काल में यह सम्पूर्ण क्षेत्र महाकाल वन कहलाता था. यहां सर्प, पशु-पक्षी के अलावा अनेक जीव-जंतु खुद ही भगवान महाकाल के दर्शन करने आते थे. इस दौरान आम श्रद्धालुओं और तपस्वियों में डर का वातावरण बनता था. तभी यह परंपरा बनी कि भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन आम भक्त साल में एक बार ही कर सकेंगे. इसी कारण यह विग्रह महाकाल मंदिर के ऊपरी शिखर पर स्थित किया गया ताकि साल में एक दिन आम श्रद्धालु सुरक्षित और सुव्यवस्थित दर्शन कर सकें.
हर साल नागपंचमी के दिन लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं. इस साल भी करीब 10 लाख श्रद्धालुओं का नागचंद्रेश्वरमंदिर पहुंचने का अनुमान है. दर्शन की व्यवस्था मंदिर समिति और प्रशासन की निगरानी में होती है. दर्शन व्यवस्था को लेकर सुरक्षा, लाइन मैनेजमेंट और आपात मेडिकल सुविधा की भी तैयारी की जाती है.
महंत विनीत गिरी जी महाराज ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि सभी भक्तजन सुरक्षा नियमों का पालन करें, संयम और श्रद्धा के साथ दर्शन करें, ताकि सभी को भगवान नागचंद्रेश्वर और भगवान महाकाल का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
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