Makhana Ki Kheti: मध्य प्रदेश की कुछ आवादी खेती पर आधारित है. यहां पर किसान तरह-तरह की फसलें उगाते हैं, जिससे अच्छा मुनाफा भी कमाते हैं. लेकिन नर्मदापुरम के किसान अब गेहूं, चना, धान की खेती के साथ-साथ मखाने की खेती भी करने वाले हैं. इसके लिए उद्यानिकी विभाग की तरफ से मखाने की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया है.
मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम में मखाने की खेती के लिए लगभग 150 किसानों ने सहमति जताई है. इसके लिए उद्यानिकी विभाग की तरफ से मखाने की खेती के लिए दरभंगा में प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं अब मखाने की खेती को लेकर किसानों को लगातार जोड़ा जा रहा है.
आपको बता दें कि प्रदेश में पहली बार, पहले चरण में लगभग 50 हेक्टेयर में मखाने की खेती की जाएगी. इसको लेकर किसान काफी असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं. इसी वजह से उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने किसानों के इसकी खेती के लाभ के बारे में जानकारी दी है.
वहीं अधिकारियों का कहना है कि बाजार में दो हजार रुपए किलो बिकने वाली फसल से किसानों की आय दो गुनी तिगुनी बढ़ जएगी. किसानों को समझाया जा रहा है कि इसकी खेती के लिए खेतों का प्रयोग न करके तालाब में खेती करें. अभी तक जिले के 150 किसानों को चिन्हित किया गया है. इन किसानों को दरभंगा रिसर्च सेंटर में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा.
वहीं विभाग की तरफ से कहा गया है कि मखाना की खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी. अब इसको लेकर किसानों को कन्फ्यूजन है कि कितनी राशि दी जाएगी. इस पर अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है.
आपको बता दें कि मखाने की खेती के लिए सिर्फ किसानों को ही नहीं बल्कि उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए अधिकारियों समेत 150 किसान दरभंगा जाएंगे.
उद्यानिकी विभाग के उप संचालक रीता उईके ने बताया कि दरभंगा में सिखाया जाएगा कि मखाने की खेती में तकनीक का उपयोग कैसे किया जाएगा. इसकी भी जानकारी दी जाएगी.
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