MP Maharashtra Border-भारत के दिल मध्य प्रदेश की पहचान केवल उसकी भौगोलिक स्थिति या ऐतिहासिक धरोहरों से ही नहीं, बल्कि यहां के विविध खान-पान, लोक संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली से भी है. यह राज्य कुल पांच राज्यों से घिरा हुआ है उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र. हर राज्य के साथ सीमा से लगे जिलों में हर तरह के रिश्ते दूसरे राज्यों की तरह ही निभाए जाते हैं, इतना ही नहीं त्योहारों में भी इसकी झलक साफ दिखाई देती है.
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई जिलों की सीमा आपस में साझा होती है. महाराष्ट्र के साथ जो दक्षिणी संपर्क है, वह सिर्फ एक राज्य-सीमा नहीं, बल्कि भाषाई, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों की एक गहरी डोर है. एमपी-महाराष्ट्र बॉर्डर पर इसकी झलक दिखाई देती है.
मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिणी हिस्सों में कुछ जिले ऐसे हैं जो सीधे महाराष्ट्र से लगते हैं. इन सीमावर्ती जिलों में मराठी बोलचाल, पोशाक, और त्योहारों की झलक साफ देखी जा सकती है. चाहे वो त्योहार हो या फिर परंपरा हर तरफ महाराष्ट्र के रंग में लोग रंगे हुए दिखते हैं.
मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में महाराष्ट्र की झलक गणपति उत्सव, पोला, गुढ़ी पड़वा जैसे त्योहारों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. इतना ही नहीं शादी, स्थानीय उत्सव या फिर पहनावा सभी में साफ तौर पर महाराष्ट्र की झलक दिखती है. इतना ही नहीं गणपति उत्सव, पोला, गुढ़ी पड़वा जैसे पर्व इन क्षेत्रों में उतनी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं, जितना कि महाराष्ट्र में.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरहदें न केवल नक्शे पर, बल्कि लोगों की जिंदगी में भी आपस में जुड़ी हुई हैं. यहां सीमा रेखाएं नहीं, बल्कि मेल-जोल की कहानियां भी बसती हैं. चलिए जानते हैं कि एमपी के कितने जिले महाराष्ट्र की सीमा से लगते हैं.
महाराष्ट्र की सीमा से मध्य प्रदेश के कुल 9 जिले लगते हैं. जिसमें अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट जिले शामिल हैं. इन जिलों के कुछ हिस्सों में मराठी भाषा भी बोली जाती है. ज्यादातर लोग मराठी में ही बात करते हैं.
बता दें कि एमपी के इन जिलों के कुछ हिस्सों में आपको पूरी तरह महाराष्ट्र का कल्चर ही देखने को मिलता है. पहनावे से लेकर खान-पान और पंरपरा से लेकर भाषा तक हर चीज में महाराष्ट्र की ही झलक दिखाई देती है.
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