प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या से एक बड़ी खबर सामने आई है. श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्मित 14 नए मंदिरों में देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब नियमित श्रृंगार, पूजन और भोग अर्पण के लिए पुजारियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके लिए आवेदन आमंत्रित करते हुए आधिकारिक वेबसाइट (https://sites.google.com/view/srjbm/home) पर लिंक जारी किया है.
ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि पुजारियों की नियुक्ति के लिए देशभर से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन अयोध्या क्षेत्र के आवेदकों को वरीयता दी जाएगी. इसका उद्देश्य स्थानीय युवाओं को राम मंदिर की सेवा से जोड़ना और उन्हें धार्मिक परंपरा का हिस्सा बनाना है.
इच्छुक अभ्यर्थी 26 जून से 30 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए ट्रस्ट ने एक विशेष वेबसाइट तैयार की है जहां सभी विवरण और आवेदन फॉर्म उपलब्ध हैं. यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी जिससे पारदर्शिता और सुव्यवस्था बनी रहे.
पुजारी पद के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की आयु 20 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. साथ ही उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त गुरुकुल से कम से कम 5 वर्षों की धार्मिक शिक्षा प्राप्त होना अनिवार्य है.धार्मिक ग्रंथों, कर्मकांड और संस्कृत में पारंगत होना वांछनीय माना जाएगा.
चयनित अभ्यर्थियों को छह माह के लिए अर्चक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इस अवधि में उन्हें न केवल भोजन और आवास की सुविधा दी जाएगी, बल्कि ₹2000 प्रति माह की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी. प्रशिक्षण के बाद एक परीक्षण प्रक्रिया होगी जिसमें लिखित और मौखिक परीक्षा शामिल होगी.
इस पूरी चयन प्रक्रिया की निगरानी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और धार्मिक समिति के अध्यक्ष गोविंद देवगिरि महाराज द्वारा की जाएगी. परीक्षण में सफल अभ्यर्थियों की अंतिम नियुक्ति राम मंदिर परिसर में की जाएगी.
फिलहाल राम मंदिर ट्रस्ट को लगभग 100 अर्चकों की आवश्यकता है. हाल ही में राम दरबार सहित 14 नए मंदिरों का निर्माण हुआ है, जहां दैनिक पूजा और धार्मिक क्रियाकलापों के संचालन के लिए योग्य पुजारियों की जरूरत है.
यदि आप धार्मिक परंपराओं के ज्ञाता हैं और प्रभु श्रीराम की सेवा में जीवन अर्पित करना चाहते हैं, तो यह अवसर आपके लिए एक अद्वितीय सौभाग्य बन सकता है. इच्छुक युवा जल्द से जल्द आवेदन कर इस ऐतिहासिक सेवा का हिस्सा बन सकते हैं.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.