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Noida Metro: ग्रेटर नोएडा मेट्रो से सीधे कनेक्ट होगा दिल्ली-गाजियाबाद, बॉटेनिकल गार्डन से नई मेट्रो लाइन पर मिली गुड न्यूज

अगर आप नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और सेक्टर-142 से सेक्टर-38A बॉटेनिकल गार्डन तक सफर करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. यहां मेट्रो लाइन का टोपोग्राफी सर्वे होने वाला है. फिर रूट का डिजाइन तैयार किया जाएगा. जानिए पूरी डिटेल

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Noida Metro: नोएडा वालों के लिए गुड न्यूज है. अब आपका सफर और भी आसान होने वाला है. बताया जा रहा है कि नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट और सेक्टर-142 से सेक्टर-38A बॉटेनिकल गार्डन तक मेट्रो लाइन का टोपोग्राफी सर्वे होने वाला है.

टोपोग्राफी सर्वे के लिए टेंडर

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टोपोग्राफी सर्वे के लिए टेंडर

जैसे ही मेट्रो लाइन का टोपोग्राफी हो जाएगा. तो उसके बाद रूट का डिजाइन तैयार किया जाएगा. ऐसे में नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन की लाइन के टोपोग्राफी सर्वे के लिए टेंडर जारी किया है.

एक्वा लाइन मेट्रो का लिंक रूट

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एक्वा लाइन मेट्रो का लिंक रूट

रिपोर्ट्स की मानें तो यह रूट सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही एक्वा लाइन मेट्रो का लिंक रूट होगा. टोपोग्राफी सर्वेक्षण के जरिए जमीन की ऊंचाई, गहराई, आकार और स्थान का पता चलेगा.

रूट का ड्राइंग डिजाइन

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रूट का ड्राइंग डिजाइन

टोपोग्राफी के आधार पर रूट का ड्राइंग डिजाइन तैयार किया जाएगा. यह जांच मेट्रो परियोजनाओं में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो अंडरग्राउंड या ऊंचे ढांचों को सुरक्षित और कुशल निर्माण तय करने के लिए मिट्टी, चट्टान और भूजल की स्थिति का आंकलन करती है. 

डिजाइन करने के लिए डेटा

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डिजाइन करने के लिए डेटा

इससे इंजीनियरों को जमीन की विशेषताओं के आधार पर नींव, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे के घटकों को डिजाइन करने के लिए जरुरी डेटा मिलेगा. इतना ही नहीं एजेंसी  मिट्टी और चट्टान के वर्गीकरण का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट भी तैयार करेगी.

कैसी होगी रिपोर्ट?

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कैसी होगी रिपोर्ट?

रिपोर्ट्स की मानें तो परीक्षण डेटा का विश्लेषण करेगी और प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए उपयुक्त नींव के प्रकारों की सिफारिश भी करेगी. रिपोर्ट में डिजाइन गणना के साथ डिजाइन मानदंड और कार्यप्रणाली का जिक्र भी किया जाएगा.

कितना मिलेगा समय?

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कितना मिलेगा समय?

जब अध्ययन किया जाएगा तो सामने आई कई मिट्टी के स्तरों को वर्गीकृत किया जाएगा. एजेंसी को इस काम के लिए 60 दिनों का समय मिलेगा. इसी दौरान एजेंसी को फील्ड वर्क पूरा करना होगा. फिर इसी ड्राइंग पर मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स से परमिशन ली जाएगी.

डीपीआर को मंजूरी

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डीपीआर को मंजूरी

परमिशन मिलने के बाद अगर केंद्र सरकार भी इस रूट की डीपीआर को मंजूरी दे देती है तो इसका निर्माण कार्य शुरू करने के लिए एनएमआरसी टेंडर जारी कर देगा. यूपी सरकार पहले ही इस रूट की डीपीआर को मंजूरी दे चुकी है. 

कितना लंबा होगा रूट?

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कितना लंबा होगा रूट?

रिपोर्ट्स की मानें तो यह रूट 11.56 किमी का होगा. इस रूप पर काम शुरू होने के बाद यह करीब 5 साल में बनकर तैयार हो जाएगा. फिलहाल एनएमआरसी सेक्टर-51 से ग्रेनो डिपो तक एक्वा लाइन पर मेट्रो का संचालन कर रहा है, जिसका रूट 29.707 किमी लंबा है.

सफर होगा आसान

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सफर होगा आसान

यह स्टेशन नोएडा-दिल्ली के बीच चलने वाले ब्लू लाइन के सेक्टर-52 स्टेशन के पास है. इन दोनों स्टेशन के बीच सीधी कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से लोगों को स्टेशनों से उतरकर 300-400 मीटर पैदल चलना पड़ता है, लेकिन आने वाले दिनों में सफर आसान और सुविधाजनक होगा.

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