यह भारत की सबसे तेज़ ट्रेन है, जो अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. यह ट्रेन आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस है, और प्रमुख शहरों को जोड़ने का काम करती है.
देश की दूसरी सबसे तेज़ ट्रेन है, जिसकी अधिकतम गति 150 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह दिल्ली और झांसी के बीच चलती है और कम समय में यात्रा पूरी करती है.
ये ट्रेनें आमतौर पर 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली भारतीय प्रीमियम ट्रेनें हैं. ये ट्रेनें ज्यादा स्टेशनों पर नहीं रुकती हैं और लंबी दूरी की यात्रा के लिए तेज और आरामदायक विकल्प हैं.
यह भी एक प्रीमियम श्रेणी की ट्रेन है. 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ये भारत की पहली सेमी प्राइवेट ट्रेन है जो विमान जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराती है. इसमें एलईडी टीवी, व्यक्तिगत मनोरंजन प्रणाली, बायो-टॉयलेट और स्वादिष्ट भोजन जैसी आधुनिक सुविधाएं होती हैं.
ये ट्रेनें 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलती हैं. ये ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में कम स्टॉप पर रुकती हैं, जिससे यात्रियों के समय की बचत होती है. इनका किराया एक्सप्रेस ट्रेनों से अधिक होता है.
50 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से चलती हैं. ये ट्रेनें देश के छोटे-बड़े शहरों और कस्बों को जोड़ने का काम करती हैं. एक्सप्रेस ट्रेनें मेल ट्रेनों की तुलना में ज्यादा तेज चलती हैं. मेल ट्रेनें शुरू में डाक सेवा के लिए शुरू की गई थीं.
पैसेंजर ट्रेनें आमतौर पर ग्रामीण इलाकों या छोटे स्टेशनों के बीच चलती हैं, इनकी रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होती है. ये कम दूरी की यात्रा के लिए उपयुक्त होती हैं
उपनगरीय ट्रेनें शहरों के भीतर या आसपास चलती हैं, मुंबई लोकल और दिल्ली मेट्रो इसका सटीक उदाहरण है. इनकी गति 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होती है. ये रोजमर्रा के यात्रियों के लिए जरूरी परिवहन साधन हैं.
अब 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति वाली ट्रेनों को हाई-स्पीड ट्रेन की श्रेणी में रखा जाता है. भारत में भविष्य में बुलेट ट्रेन भी शुरू की जाएगी, जिसकी अनुमानित गति 280 से 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.