Mahashivratri 2025: शिवरात्रि पर्व को लेकर बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा ऊना
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh2661651

Mahashivratri 2025: शिवरात्रि पर्व को लेकर बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा ऊना

Una News: शिवरात्रि पर्व को लेकर बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा ऊना,पान्डवों द्वारा निर्मित प्राचीन श्री बनोडे महांदेव शिव मंदिर में शिवरात्री माहोत्सव को लेकर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए भक्तों की लगी.

 

Mahashivratri 2025: शिवरात्रि पर्व को लेकर बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा ऊना

Himachal Pradesh/राकेश माल्हि: शिवरात्रि को लकर  देश भर के शिव मदिरों में शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. ऊना जिला के प्राचीन शिव मंदिरो में भी शिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. शिव मंदिरो में श्रद्धालुओं की लंबी लंबी लाइनें देखने को मिल रहे है. भगवान शिव के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से लोग शिव मंदिरों का रुख कर रहे हैं. ऊना का बनौड़े महादेव मंदिर, जहां एक खंडित शिवलिंग के रूप भगवान शिव-पार्वती विराजमान हैं. पांडवों द्वारा निर्मित इस मंदिर में सच्चे मन से अगर कोई भक्त शिवलिंग का जल से अभिषेक करे तो उसकी मुराद पूरी हो जाती है. ये शिवलिंग बीच में से कटा हुआ है, कहते हैं इसके एक ओर भगवान् शिव और दूसरी तरफ मां पार्वती विराजमान है.  

शिवरात्रि को लेकर ऊना के बनोडे महादेव मंदिर में सुबह से ही  भक्तो की भीड़ लगी हुई है लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिय सुबह से ही मंदिर में पहुंचना शुरू हो गए है हिमाचल के ऊना में शिवालिक की पहाड़ियों में प्राचीन काल का एक ऐसा मंदिर है जहाँ भगवान शिव-पार्वती एक खंडित शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं . कहते हैं इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में पांडवों ने करवाया था . ऐसी मान्यता है कि आज जहाँ पर मंदिर है कभी वहां पर एक राक्षस रहता था , जो देवताओं को काफी  परेशान करता था , इस राक्षस को भगवान ब्रम्हा से वर प्राप्त था कि न तो उसे कोई नर मार सकता था  और न ही कोई नारी मार सकती थी , इसी वर के अभिमान में चूर वो राक्षस देवताओं को परेशान करता रहता था . 

तब भगवान् शिव ने इस राक्षस के जुल्म से देवताओं को छुटकारा दिलाने के लिए अर्धनारीश्वर का अवतार लिया था और इसी स्थान पर उस राक्षस का वध किया था . जिसके बाद भगवान् शिव यहाँ मां पार्वती के साथ अर्धनारीश्वर के रूप में सदा के लिए खंडित शिवलिंग के रूप में विराजमान हो गए . बाद में पांडवों ने यहाँ पर इस मंदिर का निर्माण किया था और पूजा अर्चना की थी पुजारी के मुताबिक यह प्राचीन मंदिर कई हजार साल  से जायदा पुराना है .शिवालिक की पहाडियों के बीच बने इस मंदिर में कहते हैं जो भी सच्चे मन से खंडित शिवलिंग के रूप में भगवान शिव-पार्वती के अर्धनारीश्वर स्वरुप को जलाभिषेक करता है उसके मन की मुराद जरूर पूरी होती है . 

ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर आकर बिन मांगे ही भगवान शिव-पार्वती आपकी मनोकामना पूरी करते ह कहते हैं कि इस मंदिर में जो शिवलिंग है वो खंडित स्वरुप में है . देखने पर ये बीच में से कटा हुआ लगता है . ऐसी मान्यता है कि उसके एक भाग में भगवान शिव तो दुसरे भाग में मां पार्वती विराजमान हैं . इस मंदिर में भगवान शिव तो अपने भक्तों को आशीर्वाद देते ही हैं , मां पार्वती भी सुहागिनों को सदा सुहागिन और पुत्रवती का आशीर्वाद देती हैं .शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के दर्शन के लिया भक्तो का तांता लगा है 

वहीं इस मंदिर में जाने के लिए तलाव पर बनाए गए झूला पुल और अमरनाथ जी की पावन गुफा से होकर मंदिर तक जानें का रास्ता है. यह झूला पुल और अमरनाथ गुफा भक्तों के आकर्षण का केंद्र है. शिवरात्रि को लेकर लोग दूर दराज से इस मंदिर में माथा टेकने के लिए पहुंच रहे है. माथा टेकने वाले श्रद्धालुओं के मुताबिक इस मंदिर में आकर उन्हें आत्मिक शांति मिलती है और उनके मन को एक ऐसी ऊर्जा प्राप्त होती है जिसका वह आकलन नहीं कर सकते श्रद्धालुओं के मुताबिक भगवान भोलेनाथ से सच्चे मन से भी अगर कोई मुराद मांगता है. भगवान उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. 

TAGS

Trending news

;