नूरपुर में करीब 11 करोड़ रुपये की लागत से बना मातृ-शिशु अस्पताल अभी तक चालू नहीं हो पाया है. न बिजली कनेक्शन है, न पानी की व्यवस्था और न ही स्टाफ की नियुक्ति— ऐसे में जनता अब भी इस बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य सुविधा से वंचित है.
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Nurpur News(भूषण शर्मा): जिला कांगडा के नूरपुर मे करीब 11 करोड़ रुपये की लागत से बना बहुप्रतीक्षित मातृ-शिशु अस्पताल नूरपुर अब भी अधूरा है. न बिजली है, न पानी और न ही स्टाफ—ऐसे में जनता को इसके लाभ से अब भी वंचित रहना पड़ रहा है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत हाल ही में 1.59 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की माने तो अस्पताल को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए अब भी 3.18 करोड़ रुपये की और दरकार है.
इस बहुमंजिला भवन का शिलान्यास 13 सितंबर 2017 को तत्कालीन एवं मौजूदा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह और तत्कालीन विधायक अजय महाजन की मौजूदगी में हुआ था. इसके बाद भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन वन,खेल एवं युवा मंत्री राकेश पठानिया ने 8 अक्टूबर 2022 को अस्पताल का उद्घाटन कर जनता को समर्पित कर दिया था.
अब जबकि कांग्रेस सरकार को दो वर्ष पूरे हो चुके हैं, हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल द्वारा की गई घोषणा के बाद पहली बार 1.59 करोड़ की राशि जारी की गई है, जिससे अधूरे कार्यों के पूरा होने की उम्मीद जगी है. लेकिन अभी भी बिजली-पानी कनेक्शन, सीवरेज व्यवस्था, उपकरणों की खरीद और सबसे अहम स्टाफ की नियुक्ति जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य बाकी हैं.
सिविल अस्पताल नूरपुर के एमएस डॉ. सुभाष ठाकुर ने बताया कि अब तक 11 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, और शेष कार्यों के लिए विभाग ने उच्चाधिकारियों को बजट प्रस्ताव भेज दिया है. उम्मीद है कि शीघ्र शेष बजट भी स्वीकृत हो जाएगा. वही जो पैसा अभी आया है उसे सम्बंधित विभाग को कार्य पुरा करने के लिए जारी किया गया है जैसे ही भवन विभाग को हैंड ओवर हो जाएगा. विभागीय आदेशो पर इसे शुरु कर दिया जाएगा.
पूर्व वन मंत्री राकेश पठानिया ने प्रदेश सरकार से इस मातृ शिशु अस्पताल का शिफ्ट किया साजोसामान तुरंत वापिस करने व इसका संचालन शुरू करने मांग की है. उन्होंने कहा कि यह अस्पताल उद्घाटन के बावजूद सितंबर 2022 से अब तक तालों में बंद है. यह अस्पताल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व भाजपा की देन है केन्द्र से पैसे से अस्पताल बना है. अभी हाल मे ही केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 1.59 करोड़ रुपये की राशि जारी की है ताकी अस्पताल की कमियो को पुरा किया जा सके.
पठानियां ने कहा कि सुक्खू सरकार नूरपुर में पहले भी कई संस्थान बंद किए है जिसके बाद प्रदेश सरकार ने नूरपुर को एक और झटका दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा मातृ शिशु अस्पताल नूरपुर से स्वास्थ्य सुविधाओं का साजोसामान ऊना शिफ्ट करना नूरपुर की जनता से अन्याय है जिसे सहन नहीं किया जाएगा.
राकेश पठानिया ने कहा कि जेपी नड्डा जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे तो उन्होंने नूरपुर को मातृ शिशु अस्पताल की सौगात दी थी और भाजपा सरकार के समय इसका निर्माण कार्य हुआ था तथा बीते वर्ष जब वह वन मंत्री तो उन्होंने इसका सितंबर 2022 को विधिवत उद्घाटन किया था. सत्ता परिवर्तन के बाद यह अस्पताल चल नहीं पाया और कांग्रेस सरकार ने इस अस्पताल के लिए आया हुआ समान प्रदेश के अन्य अस्पतालों को भेज दिया जो की निदनिय है.