हिमाचल के ऊपरी इलाकों में इन दिनों प्लम सीजन जोरों पर है, लेकिन इस बार बागवानों को अपने उत्पाद के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। मंडियों में मंदी का असर साफ देखा जा रहा है
Trending Photos
Kinnaur News(विशेषर नेगी): हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र में इन दिनों प्लम सीजन जोरों पर है. लेकिन प्लम बागवान और खरीदार दोनों ही मंडी में मंदी से मायूस है. प्लम ठेकेदारों का कहना है कि इस बार मौसम अनुकूल न होने के कारण ना तो प्लम का साइज आशा अनुरूप बन पाया है और दूसरा कई स्थानों पर ओले की मार भी पड़ी है, ऐसे में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार प्लम के रेट काफी कम है. हालांकि यूपी से प्लम सीजन में दिहाड़ी लगाने आए मजदूरों को दिहाड़ी अच्छी मिलने से खुश है. उनका कहना है कि पहाड़ों पर जहां गर्मी से निजात मिल रही है वही उनको दिहाड़ी भी अच्छी मिल रही है.
रामपुर डकोल्ड के प्लम बागवान देव शर्मा ने बताया कि वे प्लम की बागवानी करते हैं. हर साल प्लम बेचते हैं , लेकिन इस बार मंडी डाउन है। रेट कम मिल रहे हैं. साढ़े आठ किलो की प्लम पेटी ढाई सौ से लेकर ₹400 में जा रही है. जबकि पिछले वर्ष 800 से हजार रुपए प्रति पेटी जा रही थी.
सहारनपुर से आए प्लम ठेकेदार अब्दुल रहमान ने बताया उनकी तरह यहां बहुत से लोग प्लम के व्यापार के लिए आते हैं. लेकिन इस बार प्लम की फसल बहुत अच्छा नहीं है. क्योंकि बारिश वक्त पर नहीं हो पाई. जिससे प्लम का साइज ठीक नहीं बन पाया और कुछ ओला भी पड़ गया है. जिसकी वजह से प्लम दागी हुआ है. इससे मंडी में मंदी आई है. ऐसे में प्लम बागवान और ठेकेदार दोनों को ही नुकसान हो रहा है.
यूपी सहारनपुर से आए म्यान ने बताया कि उन के यहां गर्मी अधिक है, और यहां आ कर दो तीन महीने अच्छे से कट जाते है. प्लम सीजन में दिहाड़ी भी अच्छी मिल जाती है और गर्मी से भी निजात.