सिरमौर जिला में जल शक्ति विभाग ने गर्मियों के सीजन को देखते सूखाग्रस्त इलाकों को चिन्हित किया है ताकि समय रहते यहां आवश्यक कदम उठाए जा सके और लोगों को पेयजल किल्लत से न जूझना पड़े. जिला में विभाग पेयजल समस्या को लेकर गंभीर है और पूरी स्तिथि पर नजर रखे हुए है.
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Nahan News(देवेंदर वर्मा): गर्मियों के मौसम में संभावित जल संकट को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में जल शक्ति विभाग ने सक्रिय कदम उठाए हैं. जिले में चल रही लगभग 1,400 पेयजल योजनाओं में से 10 योजनाओं में जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है. इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने इन योजनाओं को अन्य पेयजल स्रोतों से जोड़ने की योजना बनाई है.
इंटरलिंकिंग से समाधान की कोशिश
जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि जिन योजनाओं में जल स्तर में कमी आई है, उन्हें अन्य योजनाओं के साथ इंटरलिंक किया जाएगा. इससे प्रभावित क्षेत्रों में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा किया जाए.
टैंकों की सफाई के लिए विशेष अभियान
पेयजल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग ने टैंकों की सफाई का विशेष अभियान शुरू किया है. इस अभियान में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा रहा है, ताकि सफाई कार्य में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके.
सूखाग्रस्त क्षेत्रों की पहचान
विभाग ने पिछले वर्षों के आंकड़ों के आधार पर सूखाग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की है. इनमें पच्छाद, नाहन और पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्रों के कुछ इलाके शामिल हैं, जहां गर्मियों में जल संकट की संभावना अधिक रहती है. विभाग इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहा है और आवश्यकतानुसार वैकल्पिक जल स्रोतों की व्यवस्था कर रहा है.
विभाग की सतर्कता
जल शक्ति विभाग ने आश्वासन दिया है कि जिले में कहीं भी पेयजल की कमी नहीं होने दी जाएगी. विभाग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और आवश्यकतानुसार त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार है.
इस प्रकार, सिरमौर जिले में जल शक्ति विभाग ने जल संकट से निपटने के लिए व्यापक योजना बनाई है, जिसमें इंटरलिंकिंग, टैंकों की सफाई और सूखाग्रस्त क्षेत्रों की पहचान जैसे कदम शामिल हैं. इन प्रयासों से जिले में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.