तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में की शिरकत तो विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ विकासात्मक योजनाओं की जानकारी ली तो सरकारी अस्पतालों में 10 रुपये पर्ची शुल्क पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आरोपों पर किया पलटवार.
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Bilaspur News(विजय भारद्वाज): हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित उपायुक्त कार्यालय परिसर के बचत भवन में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के नगर नियोजक, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने है. वहीं इस बैठक में उपायुक्त राहुल कुमार व पुलिस अधीक्षक संदीप धवल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे.
वहीं बैठक के दौरान मंत्री राजेश धर्माणी ने जिला में चल रही जलशक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग, खनन विभाग सहित अन्य विभागों में चल रही विकासात्मक योजनाओं की जानकारी ली और निर्माणाधीन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए है. वहीं करीब ढ़ाई घंटे तक चली इस बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा जिन योजनाओं की निर्माण संबंधी जानकारी दी गयी है उसकी रिपोर्ट अगली बैठक में लिए जाने की बात मंत्री राजेश धर्माणी ने कही है ताकि सरकार द्वारा स्वीकृति योजनाओं को तय समय पर पूरा किया जा सके.
इस बात की जानकारी देते हुए मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि गर्मियों के मौसम को देखते हुए पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कईं पेयजल योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है जिनपर काम चला हुआ है और कई जगह पर योजनाएं तैयार है और वहां बिजली सप्लाई का काम पूरा होते ही योजनाएं शुरु हो जाएंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई जगहों पर बड़े सबस्टेशन स्थापित करने की आवश्यकता है, जिसमें एक 132 केवी का सब स्टेशन व दो 33 केवी के सब स्टेशन स्थापित किये जाएंगे जिसमें नवीन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके संबंध में टेंडरिंग प्रिक्रिया पूरी कर काम शुरू कर दिया जाएगा.
वहीं प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 10 रुपये पर्ची शुल्क करने के सरकार के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा प्रदेश में सुख की सरकार के बजाए शुल्क की सरकार के आरोप पर मंत्री राजेश धर्माणी ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था का जितना बेड़ा गर्क हुआ है उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. राजेश धर्माणी ने कहा कि सत्ता पाने के मकसद से चुनाव से ठीक पहले पूर्व भाजपा सरकार ने लोगों को गुमराह करने के मकसद से कईं संस्थानों को खोलने का काम किया बावजूद इसके जनता ने उन्हें नकार दिया और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आयी.
साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का मकसद गरीब लोगों को जिनमें बीपीएल, अपंग, विधवा महिलाओं, अनाथ बच्चों सहित जिनकी सालाना आय काफी कम हैं उनका विकास करना है, इसलिए ऐसे लोगों से अस्पतालों में ईलाज के लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और जो लोग शुल्क देने में समर्थ हैं केवल उन्ही से शुल्क लिया जाएगा ताकि सरकारी अस्पतालों में 50 रुपये एक्सरे व 100 रुपये अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाओं मिलती रहे.
वहीं राजेश धर्माणी ने कहा कि सरकार का मॉडल यह है कि जिन टेस्टों को बाहर करवाने में 500 रुपये का खर्च आता है वही टेस्ट सरकारी अस्पताल में 50 रुपये में हो सके और गरीब लोगों को इसका लाभ मिल सके इसी दिशा में यह कदम उठाया गया है मगर भाजपा नेताओं को केवल राजनीति करने आती है सुविधाएं देना नहीं.