Assam Muslim News: असम सरकार लगातार विदेशी और अवैध घुसपैठ के नाम पर राज्य का एक बड़ा तबका निशाने पर है. वहीं, अब मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को सख्ती से लागू करने का ऐलान किया है. जिससे राज्य के लोगों में खासकर मुसलमानों की टेंशन बढ़ा दी है.
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Assam News Today: असम में विदेशी और बांग्लादेशी घुसपैठ के नाम पर लगातार बीजेपी की अगुवाई वाली हिमंता बिस्वा सरमा सरकार मुसलमानों को निशाना बना रही है. इस कार्रवाई को लेकर सवाल भी खड़े होते रहे हैं. हालिया दिनों असम सरकार ने राज्य के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से मई माह में लगभग 50 लोगों को 'नो मैंस लैंड' में धकेल दिया, जिसके बाद उनके परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस पर रोक लगाने की मांग की.
सरकार की इस कार्रवाई में लगातार मुस्लिम परिवारों के निशाना बनाया जा रहा है, जो महज D-Voter हैं और उनके सरकारी दस्तावेजों में नामों में स्पेलिंग जैसी मामूली त्रुटि है. इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (9 जून) को बड़ा ऐलान किया, जिसके बाद राज्य का एक बड़ा तबका खासकर मुसलमानों की टेंशन बढ़ गई है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य सरकार अवैध विदेशियों की पहचान करने और उन्हें देश से बाहर निकालने के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को सख्ती से लागू करेगी. मुख्यमंत्री सरमा ने दावा किया कि यह कानून जिला आयुक्तों (District Commissioners) को अवैध विदेशियों को अवैध घोषित करने और उन्हें देश से बाहर निकालने का पूरा अधिकार देता है.
हिंदुस्तान में छपी के एक रिपोर्ट के मुताबिक, विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिटिजनशिप को महत्व नहीं देती, क्योंकि उसके एक नेता के परिवार के चार सदस्यों में से तीन विदेशी हैं. यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गौरव गोगोई पर एक तंज थी, जो उस समय विधानसभा में सत्तापक्ष की बेंचों के सामने आगंतुक दीर्घा में बैठे हुए थे.
अवैध विदेशियों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के मुद्दे पर विस्तार से जवाब देते हुए, सरमा ने कहा कि राज्य सरकार इस बड़े उद्देश्य के लिए अधिनियम, 1950 को लागू करेगी. हिमंत बिस्वा सरमा का यह ऐलान कई मायनों में खास है कि क्योंकि हालिया दिनों उन भारतीय नागरिकों को भी पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार कर 'नो मेंस लैंड' में धकेल दिया, जो महज आरोपी हैं. ऐसे में बीजेपी सरकार का यह ऐलान उनके मंसूबों और मकसद पर आशंका पैदा करती है.