ईरानी समुदाय ने लगाया 'सुप्रीम लीडर' का पोस्टर, भड़क गए बजरंग दल वाले; मचा बवाल!
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ईरानी समुदाय ने लगाया 'सुप्रीम लीडर' का पोस्टर, भड़क गए बजरंग दल वाले; मचा बवाल!

Pune News: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच भारत में लोग दो हिस्सों में बंट गए थे. भारत सरकार इस मामले पर न्यूट्रल थी और दोनों पक्षों से शांति की अपील कर रही थी. इस बीच, यूपी समेत भारत के कई राज्यों में शिया मुसलमानों ने ईरान के समर्थन में रैली निकाली थी. इस दौरान ईरानी सुप्रीम लीडर की पोस्टर लगाए गए थे, जिसको लेकर काफी बवाल हुआ है.

ईरान के सुप्रीम लीडर का पोस्टर
ईरान के सुप्रीम लीडर का पोस्टर

Pune News: ईरान-इजरायल युद्ध 2025 के दौरान दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई थी. एक तबका इजराइल के हमले को सही ठहरा रहा था, जबकि दूसरा तबका ईरान की जवाबी कार्रवाई को जायज ठहरा रहा था. सबके अपने-अपने दलील थे. इस युद्ध को लेकर भारत में भी लोगों की राय बंटी हुई थी. बीजेपी से जुड़े लोग और हिंदू संगठनों के लोग इजरायल का समर्थन कर रहे थे. जबकि दूसरा तबका ईरान के साथ मजबूती से खड़ा था. 

वहीं, भारत सरकार इस मामले पर न्यूट्रल थी और दोनों पक्षों से शांति की अपील कर रही थी. इस बीच, यूपी समेत भारत के कई राज्यों में शिया मुसलमानों ने ईरान के समर्थन में रैली निकाली थी. साथ ही कुछ अज्ञात लोगों ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के पोस्टर भी लगाए थे. पोस्टर लगाए जाने से हिंदू संगठन नाराज हो गए और पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने पोस्टर हटा दिए. 

पत्रकारों और हिंदू संगठनों की हो गई थी भावना आहत
ऐसा ही एक मामला पुणे के पास लोनी कालभोर इलाके से सामने आया है. जहां ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई और धार्मिक नेता सिस्तानी का पोस्टर लगाया गया था. इस पोस्टर को देखकर हिंदू संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ता और स्थानीय पत्रकार भड़क गए और उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस से की. पुलिस में शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने अयातुल्ला अली खामेनेई और धार्मिक नेता सिस्तानी का पोस्टर हटा दिया.

पुलिस ने जारी किया बयान
पुलिस ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि ईरानी समुदाय द्वारा मोहर्रम के अवसर पर ईरानी वस्ती में एक गली के प्रवेश द्वार पर लगाए गए बैनर को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और स्थानीय पत्रकारों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद अधिकारियों ने हटा दिया. बयान में आगे कहा गया है कि बैनर में शिया समुदाय के धार्मिक नेता शिस्तानी और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की तस्वीर थी. इसमें कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं होने की पुष्टि की गई.

कब की है घटना
पुलिस ने अपने बयान में कहा कि यह घटना 30 जून को करीब दोपहर करीब 1:00 बजे की है. 10-12 बजरंग दल कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के एक समूह ने बैनर को लेकर चिंता जताई और सवाल किया कि क्या यह ईरान के राष्ट्रपति का महिमामंडन करने का कृत्य है. शिकायत मिलने पर लोनी कालभोर पुलिस स्टेशन के प्रभारी पुलिस उपनिरीक्षक राजेश खांडे ने पीएसआई जाधव और पुलिस कांस्टेबल रवि अहेर सहित अपनी टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारियों से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि बैनर बिना पूर्व अनुमति के लगाया गया था. इसके बाद बैनर को फौरन हटा दिया गया.

पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने स्पष्ट किया कि कानून और व्यवस्था से संबंधित कोई समस्या नहीं थी और स्थिति शांतिपूर्ण रही. बैनर हटाए जाने के बाद कोई और शिकायत दर्ज नहीं की गई. पुलिस उपायुक्त (जोन 5) डॉ. राजकुमार शिंदे के मुताबिक, "ये पोस्टर स्थानीय ग्राम पंचायत से कोई अनुमति लिए बिना लगाए गए थे. पंचायत द्वारा संबंधित पक्षों को एक नोटिस जारी किया गया है और पुलिस ने निर्देश दिया है कि ऐसे कोई झंडे या बैनर नहीं लगाए जाने चाहिए."

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