Waqf amendment act: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में मेंबर की नियुक्ती से जुड़ी एक अहम और बड़ा फैसला सुनाया है. पूरी जानकारी के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Trending Photos
Supreme court on Waqf act: वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार 22 अप्रैल को अदालत ने एक अहम फैसला सुनाया है, इस फैसले की कड़ी राज्य वक्फ बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ती से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, वक्फ संशोधन कानून का मुल्क भर में मुस्लिम समुदाय विरोध कर रहा है. इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाई कोर्ट के एक फैसले को खारिज करते हुए एक नया फैसला दिया है, जिसके मुताबिक अगर कोई वकील राज्य बार काउंसिल में किसी पद पर नहीं होगा, तो वह राज्य वक्फ बोर्ड का सदस्य नहीं बन सकता है.
इस मामले पर जस्टिस राजेश बिंदल की बीठ सुनवाई की है. इस फैसले के मुताबिक अगर कोई सदस्य राज्य बार कुउंसिल में जबतक रहे हगा, तभीतक राज्य वक्फ बोर्ड के किसी पद पर रह सकता है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाई कोर्ट की एक खंड पीठ के फैसले को खारिज करे हुए कहा कि वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए दो शर्ते हैं, पहली शर्त यह है कि उम्मीदवार मुस्लिम धर्म का होना चाहिए, और दूसरी शर्त यह है कि वह व्यक्ति राज्य विधानसभा का मेंबर या बार काउंसिल का मेंबर होना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति दो शर्तों में से कमसे कम एक को पूरा नहीं कर पाता है तो वह वक्फ बोर्ड का मेंबर नहीं बन सकता है.
बाता दें कि सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष के कई नेताओं ने इस कानून के खिलाफ याचिकाए दायर की है. जिसपर पहली सुनवाई 17 अप्रैल को हुई थी. सरकरा ने इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर यह अश्वासन दिया की अगली सुनवाई तक इस कानून के किसी भी कॉन्ट्रोवर्शियल प्रावधान लागू नहीं किए जाएंगे. इस पर अगली सुनवाई 5 मई को होनी है. इस बीच मुस्लम सुदाय लगातार मुल्क भर में इस कानून के खिलाफ प्रोटेस्ट जारी रखा है.