Shravani Mela 2025: 11 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहे श्रावणी मेले से पहले, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बीती दिन यानी शनिवार को कच्ची कांवरिया सड़क का निरीक्षण किया.
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Shravani Mela 2025: 11 जुलाई 2025 से सावन की शुरुआत हो रही है. बता दें कि इस पावन महीने में देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में जलाभिषेक के लिए लाखों कावरियों की भीड़ प्रतिदिन उमड़ती है. जो सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर लभभग 110 किलोमीटर का कठिन पैदल यात्रा तय कर देवघर पहुंचते हैं. कावरियों की सुविधा के लिए पथ निर्माण विभाग ने इस मार्ग को पैदल चलने के अनुकूल तैयार किया है. जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा हो, ऐसे में सुल्तानगंज से देवघर तक कांवरिया मार्ग का ज़ी मीडिया ने जायजा लिया है.
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कुछ दिनों में सावन मेले की शुरुआत हो रही है. बिहार के भागलपुर जिला स्थित सुल्तानगंज में देश विदेश से बाबा के भक्त उमड़ते हैं. गंगा नदी से पवित्र जल लेकर आस्था का हुजूम पैदल कठिन 110 किलोमीटर की यात्रा तय कर देवघर पहुंचते हैं और बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर यह साधना पूरी होती है. कांवर यात्रा की शुरुआत हो रही है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कांवर यात्रा के लिए विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्य की समीक्षा की और उससे पहले सुल्तानगंज स्थित बाबा अजगैबीनाथ मंदिर में बाबा का आशीर्वाद लिया. देश विदेश से श्रद्धाली सुल्तानगंज पहुंचते है. गंगा नदी में पवित्र स्नान और संकल्प के बाद कठिन कांवर यात्रा शुरू होती है.
कांवर यात्रा की शुरुआत सुल्तानगंज से होती है और यहां से गंगा जल लेने के बाद श्रद्धालु बाबा अजगैबीनाथ का आशीर्वाद लेते हैं. वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी यह परम्परा चली आ रही है और हर वर्ष श्रद्धा भक्ति के साथ देश के कोने कोने से कांवरिया यहां पहुंचते हैं. सावन के महीने में लाखों लाख की संख्या में भक्त प्रतिदिन यहां पहुंचते हैं और सुल्तानगंज शहर में यात्रियों वाहनों का दबाव बहुत ज्यादा होता है. इसको ध्यान में रखकर पथ निर्माण विभाग यहां के लिए एक बड़ी सौगात देने जा रही है. जिससे न सिर्फ सावन के महीने में बल्कि सालों भर आवागमन सुलभ और द्रुत गति से होगी. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि भागलपुर से मुंगेर के बीच गंगा नदी किनारे पटना के जेपी गंगा पथ की तरह ही फोर लेन गंगा पथ बनाया जाएगा. इसके लिए विभागीय स्वीकृति भी ले ली गई है.
सुल्तानगंज में श्रावणी मेला को लेकर तैयारियों जोरो पर है. शनिवार को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने 82 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ का शुभारंभ किया. दरअसल 110 किलोमीटर लंबे पथ में 82 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में पड़ता है. जबकि शेष मार्ग झारखंड में. नारियल फोड़ कर और रिबन काट कर इस विशेष मार्ग का औपचारिक शुभारंभ किया गया. कावरिया पथ को 10 ज़ोन में बांटा गया है. सभी जोन के मॉनिटरिंग का प्रभार अलग-अलग सौंपा गया है. विभाग के मंत्री नितिन नवीन के अनुसार श्रधालुओं को कोई असुविधा नहीं होगी.
श्रावणी मेले में लाखों कांवरियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कच्ची कांवरिया पथ का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनकी आवश्यकताओं और अनुभवों को जाना,साथ ही व्यवस्थाओं को और अधिक सुगम एवं प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. पूरे कावरिया पथ के मुआयना के दरम्यान अधिकारियों को अंतिम चरण में चल रहे कार्यों को जल्द पूरा करने का भी निर्देश दिया. इस अवसर पर स्थानीय विधायक, जनप्रतिनिधिगण और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे.
इस संबंध में मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि हर वर्ष की तरह पथ निर्माण विभाग द्वारा इस बार भी कांवरिया पथ का निर्माण किया गया है. श्रधालुओं की यात्रा और बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन पर लगातार कार्य किया जा रहा है. ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए इस वर्ष भी कांवरियों के लिए अलग पथ की व्यवस्था की गयी है. इस पथ पर गंगा बालू का इस्तेमाल किया गया है,जिससे श्रधालुओं को चलने में कोई कठिनाई न हो. हर जगह स्वास्थ्य कैंप, पानी और शौचालय की व्यवस्था के लिए प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है. साथ ही थोड़ी-थोड़ी दूरी पर बैठने की भी व्यवस्था की गयी है.
पथ निर्माण मंत्री ने सुल्तानगंज स्थित निरीक्षण भवन में तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की गयी. 110 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ में करीब 82 किलोमीटर का पैच बिहार में आता है. इसमें से 76 किलोमीटर के पैच पर विभाग द्वारा काम किया जा रहा है. OPRMC के तर्ज पर इस बार 5 साल के लिए निवेदा प्रक्रिया की गई है, जिससे सड़कों के संधारण का काम और बेहतर तरीके से हो सके. 76 किलोमीटर के इस पूरे पैच में भागलपुर में करीब 8 किलोमीटर, मुंगेर में करीब 24 किलोमीटर और बांका में करीब 49 किलोमीटर का निर्माण कार्य जारी है. इस 82 किलोमीटर के पूरे पैच को 10 ज़ोन में बांटा गया है, जिसकी मॉनिटरिंग एग्जीक्यूटिव इंजिनियर और जेई द्वारा की जायेगी.
सुल्तानगंज से देवघर के बीच मुख्य सड़क मार्ग के साथ-साथ अलग कावरिया पथ का निर्माण कराया गया है. पहले प्रतिवर्ष इस कच्ची मार्ग के लिए निविदा होती थी. इस बार पहली बार पांच वर्ष के लिए इसकी निविदा निकली गई है. बिहार सरकार के हर संबंधित विभाग इस मार्ग पर जन सुविधा को लेकर अपने अपने स्तर से काम किए हैं. जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा हो. 11 जुलाई को विधिवत श्रावणी मेला का शुभारंभ होगा, लेकिन श्रद्धालुओं का सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा के दरबार देवघर जाने का सिलसिला अनवरत जारी है.
रिपोर्ट- रजनीश
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